थानाधिकारी रमेश सर्वटा ने बताया कि खाजूवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की एएनएम ने दर्ज मामले में बताया कि 3१ जुलाई को सीएचसी में बैठक होनी थी। इसकी दिनांक 3० जुलाई कर दी गई। इसका मैसेज नहीं देखने के कारण उसे देरी से पता चला और बैठक में देरी से उपस्थित हुई और अनुपस्थित लग गई। इस पर कार्यालय से नोट्सि मिला।
नोटिस का जवाब देने के लिए कार्मिक मदनलाल से मिली तो उसने छेड़छाड़ की। वहीं कार्मिक मदनलाल ने मामला दर्ज करवाया कि 30 जुलाई को दोपहर 2 बजे एएनएम कार्यालय में आई और कहा कि उसे मिले नोटिस का जवाब तैयार करवा दो तब उसने कहा कि वह कार्य में व्यस्त है। स्वयं लिख लो। तब कहा कि आप जवाब लिखवा दो। तब कुछ बिन्दू बताए तो उसने जवाब लिख लिया। उसके साथ तीन चार नर्सें तथा स्टाफ वहीं था। इसके बाद बुधवार दोपहर करीब 2.40 बजे ऑफिस में एएनएम, उसका पति कृष्णकुमार व दो अन्य व्यक्ति आए। तब ऑफिस में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. पवन सारस्वत, डॉ. कैलाश मौर्य व अन्य स्टाफ मौजूद थे। एएनएम व उसके पति गाली गलौच करने लगे और कहा कि छेड़छाड़ की बात कहकर दो थप्पड़ मारे व गला पकड़कर नीचे गिरा दिया और प्रिंटर व अन्य कागजात टेबल से नीचे गिरा दिया। कोरोना सैम्पल कैम्प की रिपोर्ट उठा ले गया तथा राजकार्य में बाधा पहुंचाई। स्टाफ ने बीच बचाव किया। दोनों मामले की जाँच वृताधिकारी देवानन्द कर रहे है।
खाजूवाला बीसीएमओ कार्यालय में बिखरे हुए कागज व सामान।