बीकानेर से इन्हें मिलेगी रिहाई
चूरू जिले के राजगढ़ थाना क्षेत्र के हरदयालपुरा निवासी गोपीराम (69) पुत्र रेखाराम माली एवं बनवारीलाल (65) पुत्र रेखाराम माली को रिहाई मिलेगी। दोनों बंदी सगे भाई हैं। यह भादंसं की धारा 304/34 एवं 323 में सात साल का कठोर कारावास की सजा भुगत रहे हैं। दोनों भाइयों ने सजा के तीन साल नौ महीने एवं तीन दिन पूरे कर लिए हैं। साथ ही 60 वर्ष से अधिक उम्र होने एवं जेल में आचरण अच्छा होने से सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया है। चूरू जिले के सरदारशहर राम मदिर टांटिया वाला कुआं मोहल्ला निवासी रविन्द्र सिंह (42) पुत्र युद्धवीर सिंह राजपूत को रिहा किया जाएगा। इन्हें न्यायालय ने पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। उसने तीन साल 11 महीने 24 दिन की सजा भुगत ली है।
इस श्रेणी के बंदियों को मिला फायदा
गृह मंत्रालय की ओर से बंदियों को रिहा करने के दिशा-निर्देश के अनुसार 50 वर्ष से अधिक की महिला बंदी, जिसने अपनी सजा का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष बंदी, जिन्होंने अपनी सजा अवधि का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है। इसके अलावा शारीरिक रूप से अक्षम बंदी, विकलांग या जिन्होंने अपनी सजा का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है। मानसिक रूप से बीमार बंदी, जिन्हाेंने अपनी सजा पूर कर ली है, लेकिन जुर्माने का भुगतान न करने के कारण जेल में हैं। ऐसे गैर आजीवन कारावास की श्रेणी में आने वाले बंदियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया है। मृत्युदंड और आजीवन कारावास के दोषी, आतंकी गतिविधियों में शामिल बंदी, एनडीपीएस के आरोप में दोषी, बलात्कार, मानव तस्करी, जाली नोटों और मनी लांिड्रग को इस छूट का लाभ नहीं दिया गया है।