शिक्षा विभाग ने तबादलों के लिए ऑन लाइन आवेदन लिए थे। परन्तु तबादलों की सूचियों को सब दरकिनार कर अधिकारी और सरकार अपने मनमुताबिक जारी कर रही है। इसे लेकर शिक्षक संगठनों में भी विरोध है। यही नहीं प्रभाव से शिक्षकों के संशोधित आदेश भी जारी हो रहे है।
शिक्षा विभाग में ३० सितंबर के बाद शनिवार तक करीब ३०० प्रिसिंपल, ६६० व्याख्याताओं और कई हैड मास्टरों के तबादले किए जा चुके हैं। शनिवार को सामने आई सूची में २३ प्राचार्य व १०० व्याख्याताआें को इधर-उधर किया। इसमें सभी विषयों के व्याख्याता शामिल है। संशोधन आदेशों के नाम पर यह खेल चल रहा है। इनके साथ कुछ नए नाम भी जोड़े जा रहे है।
निदेशलाय की ओर से शनिवार को जारी तबादलों की संशोधित सूची में दो प्रधानाध्यपकों के आदेश जारी किए है। इसमें प्रधानाध्यापक एवं समकक्ष स्तर के अधिकारियों को पदस्थापित किया गया है। सूची अनुसार राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल बीकानेर से मोहम्मद रफीक को राजकीय सैकंडरी स्कूल कल्याणसर बीकानेर लगाया है। इसी तरह राधेश्याम मालव को सीनियर सैकंडरी स्कूल भुवाखेडा से सीनियर सेक्ंडरी स्कूल बारां लगाया गया। उधर, यहां शनिवार को जारी शिक्षा निदेशक के आदेशानुसार राउमावि श्रीमाधोपुर सीकर में पदस्थापन रसायन विज्ञान की व्याख्याता सुभिता कुमारी को प्रशासनिक कारणों से आगामी आदेशों की प्रतीक्षा में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय कार्यालय रखा गया है।
राजस्थान एलीमेंट्री सेकंडरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद ने रोष जताते हुए कहा कि तबादलों में राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर विभाग की ओर से सम्मानित शिक्षकों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। ऑन लाइन आवेदन लिए लेकिन, तबादले इसके आधार पर नहीं हुए। राजस्थान शिक्षक संगठन भगत ङ्क्षसह, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय व राजस्थन शिक्षक संघ (शेखावत) ने भी तबादलों को लेकर रोष जताया है।
तीन माह से पदस्थापन का कर रहे इंतजार
565 प्रधानाचार्यों का अटका है पदस्थापन
डीपीसी में बचे थे शेष
बीकानेर . शिक्षा विभाग में तबादलों के अनियमित दौर से पदोन्नत प्रधानाचार्यों का पदस्थापन अटक गया है। विभाग में एेसे 565 पदोन्नति में चयनित प्रधानाचार्यों को बीते तीन माह से पदस्थापन का इन्तजार है, लेकिन 29 सितम्बर से जारी तबादला सूचियां अब तक रोजाना वैबसाइट पर अपलोड हो रही है। सूत्रों की माने तो तबादलों की कार्यमुक्ति व कार्यग्रहण से स्कूलों में रिक्त पदों की जानकारी से पहले इन प्रधानाचार्यों को नियुक्ति देना सम्भव नहीं होगा। विभाग में 2019-20 की डीपीसी में 1608 प्रिन्सिपल चयनित हुए थे। इनमें से 1163 की 20 से 22 जून को काऊसलिंग कर नियुक्ति दे दी गई।
इसी डीपीसी में शेष बचे चयनित 565 प्रधानाचार्यों को पदस्थापन का इन्तजार है। ये व्याख्याता पदों पर ही कार्यरत है। जबकि इन्ही के साथ चयनित जिन्हें काऊसलिंग से पदस्थापन मिल चुका है, उनका जून में प्रधानाचार्य पद पर वेतन निर्धारण हो गया है और एक जुलाई को एक वेतन वृद्धि भी मिल चुकी है। जबकि इन्ही की डीपीसी 2019-20 में प्रधानाचार्य चयनित 565 को हर माह हजारों रुपए कम मिल रहे हैं।
चयनित में से शेष बचे प्रधानाचार्यों को जल्दी पदस्थापन दिया जाए। इन्हें भी वेतन का लाभ, इनके साथ चयनितों के कार्यग्रहण के दिन से दिया जाना चाहिए। महेन्द्र पाण्डे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ।