इसकी दो वजह हैं, एक तो सालाना सबसे बड़ा पर्व आखातीज और स्थापना दिवस के दिन यहां इमलाणी-खीचड़ा का सेवन करने व पतंगबाजी के उत्सव में शामिल होना। दूसरा इस बार इसी दिन लोकसभा चुनाव के लिए मतदान है। एेसे में प्रवासी बीकानेरी यहां मतदान कर इलाके के विकास के लिए यहां आ रहे हैं।
प्रवासी बीकानेरियों का अपनी माटी से गहरा जुड़ाव है। सालों से देश के विभिन्न स्थानों पर रहने के बावजूद उनके मकान और परिवार के सदस्य बीकानेर में रह रहे हैं। हजारों प्रवासियों के वोट यहां हैं और विधानसभा-लोकसभा चुनाव में मतदान करने वे यहां आते हैं। बीकानेर शहर में गंगाशहर, भीनासर में बड़ी संख्या में प्रवासी बीकानेरियों के परिवार रहते हैं। इस बार ६ मई को मतदान के साथ पतंगबाजी प्रवासियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है।
विभिन्न प्रांतों में प्रवासी बीकानेरी
व्यवसाय के लिए देश के विभिन्न प्रांतों में बीकानेर के लोग रह रहे हैं। पुखराज चौपड़ा बताते हैं कि असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, उड़ीसा, चेन्नई, रायपुर, मुम्बई सहित कई प्रांतों में बड़ी संख्या में प्रवासी बीकानेरी हैं। पीढ़ी दर पीढी रहने के बावजूद उनका जुड़ाव बीकानेर से है।
व्यापार-व्यवसाय से जुडे़
देश के विभिन्न स्थानों पर रहे अधिकतर प्रवासी बीकानेर व्यापार और व्यवसाय क्षेत्रों से जुडे़ है। इनमें कपड़ा, रेडिमेड, अनाज, पटसन, सुपारी व कई प्रकार की औद्योगिक इकाईयांे में बीकानेर प्रवासियों का दबदबा है। वहीं प्रवासी बीकानेरवासी पीढ़ी दर पीढी दुकान, व्यवसाय और कारोबार से जुडे है। व्यवसाय के साथ-साथ शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बनाई है। गंगाशहर, भीनासर, बीकानेर, श्रीडूंगरगढ़, मोमासर, आडसर, नोखा, लूणकरनसर, नाल सहित कई स्थानों पर रहने वाले शहरी व ग्रामीण लोग देश के विभिन्न प्रांतों में रह रहे है।
कोलकाता, बेंगलूरु, दलखोला, सिल्चर आदि स्थानों पर बसे प्रवासी यहां आए हैं, उनमें से अधिकतर की पसंद प्रधानमंत्री मोदी हैं। कोलकाता के दिलीप चौपड़ा ने कहा कि माटी की सुगंध यहां बार-बार खींच लाती है। इस बार मतदान के साथ पतंगबाजी का दिन भी है, तो उत्साह कुछ ज्यादा है। दलखोला प्रवासी पृथ्वीराज चौपड़ा बताते हैं कि वे मतदान करने बीकानेर पहुंच रहे हैं। बेंगलूरु प्रवासी गृहिणी दिव्या सुंचेती बताती हैं कि बीकानेर के विकास के लिए मतदान जरूरी है, इसलिए यहां आई हैं। सिल्चर (असम) निवासी संजय गंग ने कहा कि मोदी उनकी पसंद हैं। मतदान के लिए घर, परिवार और मित्रों को भी प्रोत्साहित कर रहा हूं। वहीं बंगाईगांव, असम से बीकानेर आए मांगीलाल सामसुखा भी लोगों को मतदान जरूर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।