यह मामला पटेल नगर तारामणी कुंज निवासी सुनीता दीक्षित पत्नी विजय दीक्षित ने दर्ज करवाया है। पुलिस के अनुसार सुनीता दीक्षित ने दर्ज करवाए मामले में डॉ. विमला बेनीवाल, डॉ. सुमन भूकर, डॉ. सुरेंद्र बेनीवाल, डॉ. सुनीता, डॉ.नीतू, हेतराम भूकर, प्रोफेसर हंसराज बेनीवाल व हंसराज की अन्य संतान पर कूटरचित दस्तावेजों से ओबीसी नोन क्रीमीलेयर का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी सेवाओं का लाभ लेने का आरोप लगाया है।
उन्होंने बताया कि हेतराम भूकर राष्ट्रीयकृत ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में क्लास ए ग्रुप अधिकारी के रूप में बैंक मैनेजर के पद पर पदस्थापित थे। वे ओबीसी वर्ग के क्रीमीलेयर श्रेणी में आते है। एसे में उनकी पुत्रियां डॉ. विमला बेनीवाल व सुमन भुकर भी ओबीसी नोन क्रीमीलेयर का लाभ लेने की पात्र नहीं है।
…और कर ली पीजी की भी पढ़ाई
इसी प्रकार हंसराज बेनीवाल राजकीय डूंगर कॉलेज में क्लास एक ग्रुप ए अधिकारी के रूप में वरिष्ठ व्याख्याता के पद पर पदस्थापित थे जो ओबीसी वर्ग के क्रीमीलेयर श्रेणी में आते है। एसे में इनकी संतान डॉ. सुरेंद्र बेनीवाल, डॉ. सुनीता, डॉ. नीतू भी नोन क्रिमीलेयर ओबीसी आरक्षण का लाभ लेने के पात्र नहीं हैं।
लेकिन इसके बावजूद भी डॉ. विमला बेनीवाल ने ओबीसी नोन क्रीमीलेयर का फर्जी जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर पीजी/एमएस का डिप्लोमा वर्ष २००९ में प्राप्त कर लिया, जबकि एमबीबीएस की डिग्री सामान्य महिला श्रेणी से की थी। आरोप है कि इसी प्रकार हेतराम भूकर ने अपनी पुत्री डॉ. सुमन भूकर का भी फर्जी ओबीसी नोन क्रीमीलेयर जाति प्रमाण पत्र बनवाया जिसका शिक्षा सहित अन्य कार्यों में उपयोग किया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
तीन डॉक्टर पीबीएम में कार्यरत
कूटरचित दस्तावेजों से प्रमाण पत्र बनवाने के आरोपियों में से तीन चिकित्सक डॉ. विमला बेनीवाल, डॉ. सुरेन्द्र बेनीवाल और डॉ. नीतू पीबीएम अस्पताल में कार्यरत है। वहीं डॉ. सुमन भूकर का नोहर में निजी हॉस्पिटल है। सदर सीआइ ऋषिराज सिंह शेखावत ने बताया कि चिकित्सकों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कराया गया है। इसकी जांच शुरू कर दी गई है। जांच में जो भी सामने आएगा उसी आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।