अभी केवल पेयजल, सिंचाई पानी पर असमंजस
अभी केवल पेयजल, सिंचाई पानी पर असमंजस
अभी केवल पेयजल, सिंचाई पानी पर असमंजस
बीकानेर. इंदिरा गांधी नहर में अभी पेयजल के हिसाब से ही पानी दिया जा रहा है। जबकि अब अगली फसल के लिए बुवाई शुरू हो गई है। आगे अन्य फसलों भी बुवाई होगी। नहर को पोंग-हरिके बांध से पानी दिया जाता है। इन बांधों का स्तर भी नीेचे आया हुआ है। एेसी स्थिति में अभी सिंचाई पानी नहीं दिया जा रहा। जबकि जिले में नहरों में पानी के अभाव में सिंचित क्षेत्र सूखे ही हैं।
नहर विभाग के सूत्रों के अनुसार अभी इंगांनप के लिए ३०००-३७०० क्यूसेक पेयजल के लिए पानी चल रहा है। जबकि ४२०० क्यूसेक की सैंक्शन है। अभी पानी के अभाव में नहरी क्षेत्र में कोई बुवाई नहीं हो पाई। अगर नहरों में अगले महीने तक सिंचित क्षेत्र के लिए पानी चल जाता है तो मूंग, मोठ, जवार, बाजरा की बुवाई हो सकती है। अभी पानी के अभाव में इस बारे में अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है। भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की इस महीने के अंत तक होगी। उस वक्त मानसून की स्थिति, बांधों में पानी के स्तर को देखते हुए सिंचाई पानी पर निर्णय किया जाएगा। अभी जिले में कृषि कुएं वाले क्षेत्रों में नरमा कपास की बुवाई ३० हजार हैक्टेयर में हुई है एवं मूंगफली की बुवाई चल रही है। यह जून के अंत तक चलेगी। वहीं १५ जून से १५ जुलाई तक मूंग, मोठ, ज्वार व बाजारा की बुवाई होनी है।
नहरी पानी में नहीं मिले हानिकारक तत्व
पंजाब से यहां नहरों में दूषित पेयजल आने के समाचारों को लेकर जलदाय विभाग बीकानेर जिले में नहरी पानी की दो प्रकार की जांच की गई। इसमें विभाग की लैब में जो नियमित जांच होती है वह सामान्य पाई गई। उसके बाद नहर के बीधरवाल हैड से लिए गए पानी सैम्पल को आगे हैवी मैटल्स की जांच के लिए जयपुर भेजा गया था। उसकी रिपोर्ट में सोमवार को आ गई। इस बारे में विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल ने बताया कि रिपोर्ट बिलकुल सही है। पानी में किसी भी प्रकार के औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले हानिकारक तत्व नहीं मिले हैं जिससे कि मानव स्वास्थ्य को खतरा हो। बंसल ने बताया कि विभाग वैसे भी प्रतिदिन पानी की नियमित जांच कर रहा है।
अभी कम हो रहा फिल्टर
जलदाय विभाग के शोभसर एवं बीछवाल जलाशयों में अभी पेयजल के लिए पानी क्षमता से कम फिल्टर हो पा रहा है। इस बारे में अधीक्षण अभियंता बंसल ने बताया कि अधिक समस्या बीछवाल में आ रही है। वहां पानी में मिट्टी एवं काई अधिक है। इससे फिल्टर उपकरण जाम हो जाते हैं। शोभासर की स्थिति ठीक-ठाक हो गई है। इस कारण पानी को क्षमता से तीस प्रतिशत कम फिल्टर कर पा रहे हैं। इससे थोड़ी परेशानी हो रही है। दो-चार दिन में स्थिति सुधर जाएगी।
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