अब हमारे मन मे प्रश्न उठता है कि इतनी तेज गर्मी क्यों रहेगी इसके पीछे भी ज्योतिषीय कारण है सूर्य गोचर में जब रोहिणी नक्षत्र में आता है उस दिन से चंद्रमा नौ दिन तक नौ नक्षत्रों में भ्रमण करता है, तब इन्ही नौ दिनों में धरती पर अत्यधिक गर्मी रहती है जिसमे लू के थपेड़े, प्रचंड गर्मी, गर्म हवाएं आदि का आलम रहता है।
वैसे तो सूर्य तेज का प्रतीक है और चंद्रमा शीतलता का। सूर्य जब गोचर में रोहिणी नक्षत्र में आता है जो कि चंद्रमा की पत्नी है, तब रोहिणी नक्षत्र की जितनी भी कलाएं, प्रभाव आदि सूर्य स्वयं ग्रहण कर लेता है इसी कारण धरती पर तेज गर्मी, गर्म हवाएं आदि चलती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान जितनी तेज गर्मी, गर्म हवाएं चलेगी उतना ही मानसून अच्छा आयेगा। अंत मे एक बात और बता दूं कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दरमियान मानसून प्रकृति के गर्भ में पलता है।
– ज्योतिष सलाहकार श्याम सुन्दर बोड़ा