निरीक्षण के बाद यह मामला बीसीआइ में काफी समय से अटका हुआ था। उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने पहल करते हुए संभाग के विद्यार्थियों की मांग को ध्यान में रख बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए पत्र लिखा था। पत्र में बीसीआइ को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही बीसीआइ के नियमानुसार भर्ती प्रक्रिया पर पाठ्यक्रम को संचालित किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री की पहल पर बीसीआइ ने इस पर सहमति दे दी है।
पहले स्ववित्तपोषित योजना
ज्ञात रहे कि पूर्व में विवि में तीन वर्षीय पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित था, लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता न मिलने के कारण इसको बंद कर दिया गया था। इससे इस क्षेत्र के विद्यार्थियों में काफी रोष था। राज्य सरकार ने पिछले दिनों निजी पाठ्यक्रम को स्वीकृत करतेे हुए एक प्रोफेसर व १० असिस्टेंट प्रोफेसर के पद स्वीकृत किए थे। इस स्वीकृति के बाद पाठ्यक्रम खोलने की आस जगी है।