यह है नियम
आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे ऐसे बंदी जिन्होंने छह साल आठ माह की सजा जेल में काट ली हैं, वे खुली जेल में जाने के पात्र होते हैं। इसके बाद पात्र बंदियों की वरिष्ठता सूची तैयार की जाती है। वरिष्ठता सूची के आधार पर ही बंदियों को खुली जेलों में शिफ्ट किया जाता है।
आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे ऐसे बंदी जिन्होंने छह साल आठ माह की सजा जेल में काट ली हैं, वे खुली जेल में जाने के पात्र होते हैं। इसके बाद पात्र बंदियों की वरिष्ठता सूची तैयार की जाती है। वरिष्ठता सूची के आधार पर ही बंदियों को खुली जेलों में शिफ्ट किया जाता है।
सरकार का यह मकसद
प्रदेश में खुली जेलों की शुरुआत करने का सरकार का यह मकसद था कि अपराध कर जेलों में लम्बी सजा भुगतने वाले लोगों का सामाजिक जीवन पूरी तरह खत्म हो चुका होता है, ऐसे में उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने, श्रम का ज्ञान कराने तथा पुनर्वास के लिए खुला बंदी शिविर में रखा जाता है। यहां वे अपने परिवार के साथ भी रह सकते हैं।
प्रदेश में खुली जेलों की शुरुआत करने का सरकार का यह मकसद था कि अपराध कर जेलों में लम्बी सजा भुगतने वाले लोगों का सामाजिक जीवन पूरी तरह खत्म हो चुका होता है, ऐसे में उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने, श्रम का ज्ञान कराने तथा पुनर्वास के लिए खुला बंदी शिविर में रखा जाता है। यहां वे अपने परिवार के साथ भी रह सकते हैं।
प्रदेशभर की स्थिति
खुले बंदी शिविर : २९
बंदी : १३३७
सुरक्षा में तैनात कर्मी : ८७ यहां हैं खुली जेल
बीकानेर के बीछवाल, गोविंद गोशाला बेलासर (सींथल), अलवर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जैतासर, जालोर, झुंझुनूं, खाटूश्याम (सीकर), कोटा, मंडोर, नागौर, नृसिंहपुरा श्रीगंगानगर, प्रतापगढ़, सांगानेर, श्रीगोसेवा सदन पकासरना हनुमानगढ़, श्री कल्याण भूमि गोशाला गंगानगर, श्रीकृष्णा गोशाला गोलुवाला हनुमानगढ़, सीकर, टोंक, उदयपुर।
खुले बंदी शिविर : २९
बंदी : १३३७
सुरक्षा में तैनात कर्मी : ८७ यहां हैं खुली जेल
बीकानेर के बीछवाल, गोविंद गोशाला बेलासर (सींथल), अलवर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जैतासर, जालोर, झुंझुनूं, खाटूश्याम (सीकर), कोटा, मंडोर, नागौर, नृसिंहपुरा श्रीगंगानगर, प्रतापगढ़, सांगानेर, श्रीगोसेवा सदन पकासरना हनुमानगढ़, श्री कल्याण भूमि गोशाला गंगानगर, श्रीकृष्णा गोशाला गोलुवाला हनुमानगढ़, सीकर, टोंक, उदयपुर।
एक हजार बंदी पात्र
प्रदेशभर की जेलों से आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे करीब एक हजार बंदियों की सूची भेजी गई है। अब वरिष्ठता के आधार पर उनका चयन कर रहे हैं। चयनित बंदियों को एक-दो माह में खुली जेलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
विक्रम सिंह, पुलिस महानिरीक्षक (जेल), जयपुर