वरदायिनी है देवी प्रतिमामां सच्चियाय ओसिया गंगा शक्तिपीठ में स्थापित मां इन्द्राक्षी की प्रतिमा मनमोहिनी है। प्रतिमा कमल पुष्प पर विराजित है। देवी के दो हाथ हैं। एक हाथ वर देते हुए है, जबकि दूसरे हाथ में व है। पंडित राम कुमार व्यास (मुन्ना महाराज) के अनुसार यह मंदिर व प्रतिमा दुर्लभ है। राजस्थान में मां इन्द्राक्षी का यह एकमात्र मंदिर है।
पैदल लेकर आए अखण्ड जोत
मां सच्चियाय ओसिया गंगा शक्तिपीठ में मां सच्चियाय ओसिया का मंदिर भी है। ट्रस्ट अध्यक्ष रास बिहारी जोशी के अनुसार मां सच्चियाय ओसिया की प्रतिमा द्विभुजी है। हाथों में ढाल व तलवार है। जोधपुर िस्थत ओसिया मंदिर से अखण्ड जोत लाने के लिए श्रद्धालु बीकानेर से ओसिया पैदल गए व जोत लेकर भी पैदल आए। शक्तिपीठ परिसर में सोमेश्वर नाथ महादेव, काला गोरा भैंरु, राम दरबार, पूनरासर हनुमान की प्रतिमाएं व मंदिर िस्थत है।
सालभर होते हैं अनुष्ठानमां सच्चियाय ओसिया गंगा शक्तिपीठ में देवी उपासकों के सानिध्य में सालभर पूजन-अनुष्ठान का क्रम चलता रहता है। चैत्र व शारदीय नवरात्र के साथ मंदिर पाटोत्सव पर धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। वहीं मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यहां पूजन-अनुष्ठानों का क्रम चलता रहता है।