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बीकानेर

हादसों का हाई-वे, हर मोड़ पर खड़ी है मौत

बीकानेर जिले में 10 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं। इन खतरनाक स्पॉट्स पर 2019 से लेकर 2021 तक तीन साल के दौरान कुल 1389 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। दुर्घटनाएं इतनी खतरनाक थीं कि इनमें 906 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा डेढ हजार से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं।
 

बीकानेरJan 16, 2022 / 06:53 pm

Jai Prakash Gahlot

हादसों का हाई-वे, हर मोड़ पर खड़ी है मौत

हादसों का हाई-वे, हर मोड़ पर खड़ी है मौत

-जयप्रकाश गहलोत
बीकानेर. प्रदेशभर में हर दिन होने वाले सड़क हादसों में कई लोगों की जान चली जाती है। खास तौर पर बीकानेर जिले की बात करें तो हर साल 250 से अधिक लोग सड़क हादसों में जान गंवा रहे हैं। बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए प्रशासन ने ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया है, जहां हादसे अधिक होते हैं।

लॉकडाउन में भी हुए ९६ हादसे
साल 2020 व 2021 में कई महीने तक कोरोना के कारण लॉकडाउन था लेकिन लॉकडाउन के दौरान भी दुर्घटनाएं कम नहीं हुई। लॉकडाउन की अवधि में जिले के अलग-अलग स्थानों पर 96 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और इनमें 47 लोगों की जान गई, वहीं 169 लोग घायल हुए।

यहां-यहां ब्लैक स्पॉट
जिले में दस जगहों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। सैरूणा थाना क्षेत्र में सैरूणा, नापासर थाना क्षेत्र में गुंसाईसर व नौरंगदेसर, श्रीडूंगरगढ़ थाना क्षेत्र में कीतासर, गजनेर थाना क्षेत्र में गजनेर और गोलरी, देशनोक थाना क्षेत्र में देशनोक, जामसर थाना क्षेत्र में जामसर बस स्टैंड व खारा रीको एवं लूणकरनसर में एक ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया गया है।

ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के बाद पुलिस ने इन जगहों पर विशेष चेतावनी बोर्ड एवं दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को डेमो के रूप में खड़ा किया है। साल 2019 में 8 ऐसी जगह चिन्हित हुईं जबकि 2021 में 10 ऐसे प्वाइंट पुलिस और परिवहन विभाग ने चिन्हित किए हैं। इन ब्लैक स्पॉट पर एक्सीडेंट नहीं हो हस दिशा में काम शुरू किया जा रहा हैं। पीडब्ल्यूडी, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने संयुक्त रूप से चिन्हित किए ब्लैक स्पॉट पर हादसे रोकने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू किया है।

इन ब्लैक स्पॉट पर हुए इतने हादसे

सैरुणा में एक हादसे में 14 की मौत। नौकंगदेसर में छह हादसे 14 की मौत। नौरंगदेसर में पांच हादसे सात की मौत। कीतासर में नौ हादसे और नौ की मौत। गजनेर में छह हादसों में सात की मौत। गोलरी में पांच हादसों में सात की मौत। देशनोक में चार हादसों में 11 की मौत। रीको खारा में सात हादसों में सात ती मौत। बस स्टैंड जामसर में आठ हादसों में 14 की मौत। लूणकरनसर में सात हादसों में 11 जनों की जान गई। यह आंकड़े पिछले तीन साल के है।

हादसों पर रोक के प्रयास जारी
&सड़क हादसों पर रोक के प्रयास कर रहे हैं। जिले से सटते हाईवे पर 10 ब्लैक स्पॉट हैं, जहां थानास्तर पर खामियों को दूर कर रहे हैं। साथ ही तकनिकी खामी को दूर करने को विशेषज्ञ की सेवाएं लेंगे। तीन साल में १३८९ हादसे हुए और ९०६ लोगों की जान गई। हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने में आमजन मदद करे।
– योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

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