पीबीएम अस्पताल के वार्डों आदि में कुल २२०० बेड है। रोजाना करीब ६ से ७ हजार मरीज ओपीडी में आते है। मरीजों के परिजनों, अस्पताल स्टाफ, भर्ती मरीजों से मिलने आने वाले, विभिन्न प्रकार की जांचों के लिए आने वालों समेत सभी को जोड़ा जाए तो करीब चालीस से पचास हजार लोगों का पगफेरा रहता है। अस्पताल में सुरक्षा के लिए एक हजार से अधिक गार्ड तैनात है लेकिन सांपों को अस्पताल में घुसने से यह भी नहीं रोक पाते।
सांप दिखते ही याद आता है इकबाल पीबीएम अस्पताल में जब भी सांप नजर आता है समाजसेवी मोहम्मद इकबाल की याद आती है। जीव प्रेमी इकबाल शहरभर के साथ पीबीएम में फ्री सांप पकडऩे के लिए हर समय तैयार रहता है। इकबाल ने बताया कि साल २०१० में उसने सांप पकडऩे शुरू किए। अभी तक बीकानेर शहर और पीबीएम अस्पताल से कुल २३८७ सांप और १८२ गोयर पकड़ चुके हैं। इन सभी को पकडऩे के बाद वन विभाग को सुपुर्द करने के साथ पूरा रेकॉर्ड भी फोटो सहित रखा है। इनमें अकेले पीबीएम अस्पताल परिसर से पकड़े गए सांपों की संख्या ८७४ हैं।
ओटी से लेकर बच्चा अस्पताल तक सांप इकबाल के अनुसार पीबीएम अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर एक ब्लॉक में सात सांप पकड़ चुके हैं। बच्चा अस्पताल में पचास से अधिक सांप पकड़ चुके हंै। बीते एक दशक में सबसे ज्यादा १०० से अधिक सांप अकेले कैंसर अस्पताल और आस-पास के परिसर में पकड़ चुके हैं। एमआरआइ सेंटर, एल,के और जेड वार्ड में सबसे ज्यादा सांप पकड़ में आते है। अब तो अस्पताल के संबंधित वार्ड से बकायदा सांप पकड़े जाने पर पर्ची बनवाकर लेते है। ताकि इसका रेकॉर्ड रखा जा सके।
जानिएं कहां से आते है इतने सांप… अस्पताल के तीन तरफ सीवर लाइन का बड़ा नाला है। इसमें झाड़-झंखाड़ उगे हैं। यहां पर सांपों ने डेरा डाल रखा है। अस्पताल की सीवर लाइन इसी नाले से जुड़ी हुई है। सांप नाले से सीवर लाइन से होकर अस्पताल में घुसते है। फिर सीवर चैम्बरों से होकर पाइप के रास्ते छत पर वार्डों तक पहुंच जाते है। अस्पताल परिसर में भी झाडि़यों में सांप रहते हैं। जो पार्क, परिसर, आवासीय क्वार्टर, रेजीडेंट हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज के क्लास रूम तक पहुंच जाते है।
गर्मी व बारिश में ज्यादा निकलते हैं जहरीले जीव पीबीएम में मार्च से लेकर नवम्बर तक सबसे ज्यादा सांप निकलते है। इसकी वजह गर्मी के साथ उन्हें भोजन की तलाश रहती है। पीबीएम में सबसे ज्यादा चूहे है। कबाड़ के कई जगह ढेर लगे हुए है। मरीज भी खाद्य पदार्थ इधर-उधर फेंकते है। जिससे चूहे पलते रहते है। सांप चूहों का शिकार करने के लिए अस्पताल में घुसते है। यहां पर सांपों के साथ गोयरे भी निकलते है। पीबीएम के शिशु अस्पताल में तीन गोयरे भी अलग-अलग समय पकड़ में आ चुके है। मोहम्मद इकबाल के अनुसार साल २०१९ में १०० से ज्यादा सांप अकेले पीबीएम अस्पताल से पकड़े थे। सालाना ८० से १०० सांप अब पकड़ में आ रहे है।
पकड़ में आए कोबरा पीबीएम अस्पताल से अभी तक पकड़े गए सांपों में कई दुलर्भ प्रजाति के सांप भी शामिल है। यहां से खतरनाक स्पेक्टिकल कोबरा, कोबरा, वुल्फ कॉमन स्नैक, कैट स्नैक, सो-स्केल्ड वाइपर, बिलिड रेसर स्नैक, रॉयल स्नैक, ब्लैक हैड रॉयल स्नैक ज्यादा पकड़ में आए है।
सांपों से निपटने का कोई प्लान नहीं पीबीएम में लगातार सांप निकल रहे है। फिर भी सांपों के नियंत्रण के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कोई प्लान आज तक नहीं बनाया है। सबसे पहले चूहों का अस्पताल परिसर से सफाया करना होगा। इसके साथ ही सीवर लाइन को नालों से जोडऩे की जगह में सांपों को घुसने से रोकने के प्रबंध करने होंगे। अस्पताल की खिड़कियां टूटी पड़ी है। यहां से सांप अंदर घुसते है। नाले में उगे पेड़ अस्पताल के भवन से सटे हुए है। इनको हटाकर नाले की सफाई करानी होगी।