सांस में लेने में दिक्कत होती है। गले में सूखापन, ब्लड प्रेशर पर असर, डायबिटिज का खतरा।
कोविड के कारण फेंफड़ों में फाइब्रोसिस बनने लगता है, ऐसे में चिकित्सक से सलाह व उपचार जरूरी है।
मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा बताते हैं कि कोविड-१९ संक्रमण होने के बाद मरीज मुख्यतया फेंफड़ें में दिक्कत आती है, जिसके कारण पोस्ट कोविड लंग्स सिंड्रोम होता है। इसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा निरंतर कम होती जाती है। फेफड़ों की ऑक्सीजन लेने की क्षमता भी कम हो जाती है। ज्यादा गंभीर स्थिति में ऑक्सीजन भी लेनी पड़ती है और अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ जाता है। ऐसी परेशानियों में मरीज-परिजन घबराएं नहीं। चिकित्सकीय परामर्श लेकर उचित उपचार लेवें।
&कॉलिंग प्रोजेक्ट के तहत अब तक एक हजार से अधिक मरीजों से संपर्क कर उन्हें फोन पर चिकित्सकीय परामर्श दे चुके हैं। कोरोना सर्वाधिक हार्ट और फेंफड़ों पर असर करता है। कोरोना के बाद होने वाली समस्या को पोस्ट कोविड कॉम्प्लीकेशन कहते हैं।
– डॉ. बीके गुप्ता, विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग पीबीएम अस्पताल
पोस्ट कोविड वार्ड में करीब ४० बैड है। यहां कोरोना से नगेटिव हो चुके मरीजों का इलाज किया जाता है। वे मरीज जो कोरोना से तो नेगेटिव हो चुके हैं लेकिन उन्हें किसी न किसी तरह की तकलीफ है। इसके अलावा १९ बैड का आईसीयू हैं। इसके अलावा यहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध है।