script10 सीढ़ियों को पार कर 32वें से दूसरे नंबर पर आई बीकानेर पुलिस | Bikaner Police came from 32nd to second position after crossing 10 sta | Patrika News
बीकानेर

10 सीढ़ियों को पार कर 32वें से दूसरे नंबर पर आई बीकानेर पुलिस

– महिला अपराध के 371 मामलों के निस्तारण ने दिलाई उपलिब्ध
– हर फाइल की मॉनिटरिंग एसपी ने खुद की
 

बीकानेरJan 05, 2024 / 08:04 am

Jai Prakash Gahlot

10 सीढ़ियों को पार कर 32वें से दूसरे नंबर पर आई बीकानेर पुलिस

10 सीढ़ियों को पार कर 32वें से दूसरे नंबर पर आई बीकानेर पुलिस

जयप्रकाश गहलोत/बीकानेर. महिला व पोक्सो मामलों को त्वरित सुलझाने एवं अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल कर जिला पुलिस प्रदेश में 32 वें नंबर से दूसरे पायदान पर पहुंची। इसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम की 10 प्लानिंग कारगर रही। एएसपी सिटी, ग्रामीण और सीओ के साथ मिल कर इन दस प्लानिंग को धरातल पर उतारा, जिसके परिणाम सुखद रहे। बीकानेर पुलिस रैंकिंग में 30 पायदान की छलांग लगाकर दूसरे नंबर पर काबिज हुई।
पाली के मुकाबले में बीकानेर में मामले अधिक, पर काम आई योजना

पाली जिले के मुकाबले बीकानेर जिले में बलात्कार और पोक्सो के मामले अधिक दर्ज हुए। पाली में बलात्कार के 183 और पोक्सो के 102 मामले ही दर्ज हुए, जबकि बीकानेर में बलात्कार के 231 और पोक्सो के 140 मामले दर्ज हुए। यह आंकड़ा पाली से डेढ़ गुना था। ऐसे में बीकानेर पुलिस ने योजनाबद्ध तरीक से 60 दिन की समय सीमा में मुकदमों का निबटारा कर दूसरे जिलों को पछाड़ते हुए 30 पायदान ऊपर आई।
एक नजर में …

231 मामले जिले में बलात्कार के

140 पोक्सो के मामले, सभी केस ऑफिसर स्कीम में लिए गए

189 बलात्कार के मामलों को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया
371 मामलों को तय समय 60 दिन में जांच पूरी कर चालान किया

371 मामलों का जल्द निस्तारण करने के लिए टीम बनाई6 एएसपी, 9 सीओ, 31 पुलिस निरीक्षक, 28 उप निरीक्षक, 175 हवलदार और सिपाही टीम में।
60 दिन में फाइल पूरी करने के लिए 10 से 12 घंटे काम किया

ये दस कदम और हम ऊंचाई पर

आईपीसी की धारा 376 और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों व पोक्सो अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज मामलों को 60 दिनों के भीतर आवश्यक रूप से निपटाने का निर्णय लिया।
1 . महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी ने नेतृत्व में विशेष इकाई (स्पेशल विंग) का गठन किया और सभी मामलों की निगरानी का प्रभारी बनाया।
2 . मुकदमे की जांच के 30 दिन पूरे होने के बाद स्पेशल विंग की ओर से अनुसंधान अधिकारी (आईओ) से प्रत्येक फाइल की समीक्षा की गई।

3. फाइल के 45 दिन होने पर प्रगति और देरी के कारणों की समीक्षा के लिए आईओ को फाइल के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय बुलाया गया।
4. मामलों में त्वरित और निष्पक्ष जांच के लिए आईओ को इनाम और सजा दोनों का प्रावधान रखा। दूसरी ओर सभी आईओ को संभावित कारणों के बिना देरी के लिए भी नोटिस दिया गया।
5. आईटीएसएसओ रैंकिंग में बेहतर अनुपालन दर के लिए हर महीने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले थानेदार को पुरस्कृत किया गया।

6. चालान के साथ प्रत्येक पोक्सो मामले को केस ऑफिसर स्कीम के तहत लिया गया।
7. महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पेशेवर जांच में आईओ के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों और न्यायिक अधिकारियों की ओर से बार-बार विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया।

8. प्रत्येक फाइल पुलिस अधीक्षक के सुझाव के साथ आगे बढ़ी। 45 दिनों के ऊपर वाली हर फाइल प्रतिदिन पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश की गई।
9. कुछ मामले, जिन पर न्यायालय की ओर से रोक थी, उन्हें सरकारी अधिवक्ता के साथ मिलकर जल्द निस्तारण के लिए मॉनिटर किया गया।

10. पुलिस अधीक्षक कार्यालय की विशेष टीम ने बलात्कार, पोक्सो सहित अन्य महिला अपराधों के मामलों की फाइल की प्रतिदिन निगरानी की। रविवार और राजकीय अवकाश के दिन भी काम किया। 60 दिन की आवश्यक समय सीमा का पालन किया।
पुलिस की प्राथमिकता

महिला व बालकों के प्रति अपराधों के निस्तारण की प्राथमिकता थी। इन सभी मामलों का निस्तारण करना चैलेंज था। इन्हें तय समय में निपटाने के लिए एक मीटिंग की और सबको अलग-अलग जिम्मेदारी दी। इस काम के दौरान कई अधिकारियों व कर्मचारियों को डांट भी लगानी पड़ी, तो कइयों के काम की तारीफ की, जिसका परिणाम सुखद रहा।
तेजस्वनी गौतम, पुलिस अधीक्षक

Home / Bikaner / 10 सीढ़ियों को पार कर 32वें से दूसरे नंबर पर आई बीकानेर पुलिस

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो