इस तरह की बढ़ती घटनाआंे को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) जंजीर खींचते पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराधी मानेगा। आरोपी का नाम थाने में दर्ज कराया जाएगा। इससे भविष्य में सरकारी नौकरी पाने में व्यक्ति के सामने मुश्किल आ सकती है। आरपीएफ ने निर्णय किया है कि एेसे मामलों में जांच अधिकारी इतनी ठोस रिपोर्ट (विवेचना) तैयार करें कि आरोपी पर भारी जुर्माना लगे, ताकि भविष्य में वह ट्रेन में बेवजह जंजीर खींचने का अपराध नहीं करे। उत्तर पश्चिमी रेलवे के बीकानेर मंडल में रेलवे सुरक्षा बल इस तरह के लोगों पर नजर रख रहा है।
यहां मामले अधिक बीकानेर मंडल में भिवानी, हिसार, सिरसा रेल मार्ग पर जंजीर खींचने की घटनाएं अधिक हो रही हैं। इसमें हिसार में सबसे अधिक हैं। बताया जाता है कि ट्रेन से रोजाना आने-जाने वाले युवा व अन्य लोग रेलवे स्टेशन के आउटर से पहले ही जंजीर खींचकर ट्रेन रोक लेते हैं।
सजा का है प्रावधान ट्रेन में जंजीर खींचना रेलवे एक्ट के तहत अपराध है। अपराध साबित होने पर अधिकतम एक हजार रुपए जुर्माना एवं एक साल की सजा का प्रावधान है। भविष्य में आरोपी को सरकारी नौकरी लगने में परेशानी आ सकती है। मामले की रिपोर्ट रेलवे न्यायालय में जाती है।
तो खींच सकते हैं जंजीर चलती ट्रेन से किसी के गिरने पर, ट्रेन में खराबी, साथी यात्री या सामान नीचे छूट जाए, अचानक किसी की तबीयत बिगड़ जाए, ट्रेन में आगजनी सरीखी घटना, बुजुर्ग या दिव्यांगों को ट्रेन में बिठाने पर यदि समय लगे तो आपातकालीन स्थिति में जंजीर खींच सकते हैं।