हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। दोनों वाहनों में से घायलों को टोलकार्मिकों, १०८ एम्बुलेंस के कार्मिकों एवं ग्रामीणों ने निकला और उन्हें निजी वाहनों से अस्पताल के लिए रवाना किया। प्रत्यक्षदर्शी सुरजाराम ने बताया कि दोनों वाहनों में टक्कर के बाद जोरदार आवाज आई। धमाके की आवाज सुनकर वे गाडिय़ों की तरफ दौड़े। घायलों को किसी तरह वाहनों से बाहर निकाला। सभी घायल दर्द से कराह रहे थे। गंभीर घायलों के अलावा सभी घायल एक-दूसरे की कुशलक्षेम पूछ रहे थे। वहीं घायलों के परिचित व रिश्तेदार पीबीएम अस्पताल पहुंच गए। इन्होंने भी परिजनों का कुशलक्षेम पूछा।
हादसे की सूचना मिलने के बाद पीबीएम अधीक्षक डॉ. पीके बैरवाल ट्रोमा सेंटर के आपातकालीन वार्ड में पहुंच गए, उन्होंने वहां चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को अलर्ट करते हुए अतिरिक्त स्टाफ भी बुलवा लिया। वहीं मारवाड़ जनसेवा समिति के रमेश व्यास, समाजसेवी हरिकिशन राजपुरोहित एवं सुरक्षा गार्डों में घायलों के उपचार में परिजनों की मदद की।
नोखड़ा के पास हुए हादसे में २३ जने घायल हुए। इनमें भंवरदास (६२), राजेश (२७), बसंती (२०), करन (१५), राजूदास (३३), रविना (१८), भंवरी (१८), भंवरी (२४), अमरचंद (४०), प्रेम (३०), मनीषा (१८), हितेष (७), सुनील (१३), इन्द्रचंद (५०), आशा (५), सतवीर (७), रवी (४), प्रियंका (१७), रोहिताश (२०), सलोनी (८), संतोष (३५), राकेश (१४), सरोज शामिल है।