पतंग-मांझे की दुकानों पर देर रात तक बिक्री नगर स्थापना दिवस पर होने वाली पतंगबाजी को लेकर शहर में पतंग-मांझे की दुकानों पर बुधवार को देर रात तक खरीदारों की भीड़ रही। बच्चों से बुजुर्गों तक ने पतंगबाजी के लिए पतंग-मांझे की खरीदारी की। गली-मोहल्लों से मुख्य बाजारों, मुख्य मार्गों, कॉलोनी क्षेत्रों, गंगाशहर, भीनासर आदि क्षेत्रों में सजी पतंग-मांझे की दुकानों पर पतंग-मांझे की बिक्री चलती रही।
मिट्टी के पारंपरिक बर्तनों की खरीद आखाबीज पर घर-घर में पानी की नई मटकियों में पानी भरकर मटकियों का पूजन किया जाएगा। घर-परिवार की महिलाएं पारंपरिक वस्त्र-आभूषणों से सज धज कर मटकियों का पूजन करेगी। इस दौरान मिट्टी से बनी लोटड़ी, कुल्लड़, ढक्कनी, हांडी का भी पूजन होगा। आखाबजी के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर मिट्टी से बनी मटकियों, लोटड़ी, हांडी, ढक्कन, कुल्लड़ की खरीदारी चलती रही।
मंडलिया तैयार, टैंट, माईक, डीजे लगे नगर स्थापना दिवस पर होने वाली पतंगबाजी को लेकर पतंगबाजी के शौकिन लोगों की मंडलिया तैयार हो गई है। सुबह से शाम तक चलने वाली पतंगबाजी के लिए पर्याप्त पतंग-मांझे की खरीदारी के साथ धूप से बचाव के लिए टैंट भी छतों पर लग गए है। पतंगबाजी के दौरान गीत-संगीत का भी दौर चलेगा। इसके लिए टेप, डीजे, स्पीकर की व्यवस्थाएं की गई है।
खान-पान के चलेंगे दौर दो दिवसीय पतंगबाजी के दौरान घरों की छतों पर खान-पान के भी दौर चलेंगे। इसके लिए माकूल व्यवस्थाएं की गई है। पतंगबाजी के दौरान दूध-दही लस्सी, नींबू शिकंजी, बिल ज्यूस, कोल्ड डि्रंक, आमरस, इमलाणी ज्यूस, केशर व बादाम शर्बत आदि पेय पदार्थों में शामिल होंगे। वहीं कचौड़ी, पकौड़ी, नमकीन, फास्ट फूड, मिठाईयों के भी दौर चलेंगे।
घर-घर में तैयारियां नगर स्थापना दिवस को लेकर बुधवार को घर-घर में तैयारियां चलती रही। घर परिवार की महिलाओं ने खीचड़ा, इमलाणी, बड़ी सब्जी के लिए तैयारियां की। वहीं शहर के बाजारों में खीचड़ा, इमलाणी, बड़ी, कालीमिर्च, इलायची, चीनी,घी इत्यादि की खरीदारी का क्रम चलता रहा।
विभिन्न स्थानों पर उड़ेगा चंदा नगर स्थापना दिवस पर शहर में विभिन्न स्थानों पर पारंपरिक रूप से चंदा उड़ाने की रस्म निभाई जाएगी। चंदा कलाकार बड़े आकार के चंदा को डोरी की मदद से उडाएंगे। शहर में जूनागढ़, भट्ठड़ों का चौक, कीकाणी व्यास चौक, पुष्करणा स्टेडियम के पीछे सहित विभिन्न स्थानों पर चंदा उड़ाने की परंपरा का निर्वहन होगा। कलाकारों की ओर से चंदा पर जागरूकता के संदेश, दोहे, चित्र बनाए गए है।