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बीकानेर

झूठ के छींटों से स्वच्छ दामन दाग-दाग

बलात्कार के झूठे मामलों से धूमित होती प्रतिष्ठाबीकानेर रेंज में दो साल में १५०८ मामलों में से ५७९ निकले झूठे

बीकानेरJan 19, 2021 / 01:18 pm

Jai Prakash Gahlot

झूठ के छींटों से स्वच्छ दामन दाग-दाग

झूठ के छींटों से स्वच्छ दामन दाग-दाग

जयप्रकाश गहलोत


बीकानेर। पुलिस रिकॉर्ड की मानें तो बलात्कार के बहुत से मामले झूठे होते हैं। ऐसे मामलों को अदम पता और अदम बकू मानते हुए पुलिस तो एफआर लगा अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है। लेकिन बलात्कार के झूठे मामले के कारण जिसकी प्रतिष्ठा धूमिल होती है, वह जीवनपर्यन्त अपने दामन पर लगे दाग को धो नहीं पाता। समाज की नजर में उसकी छवि बलात्कारी की ही बनी रहती है। दूसरी तरफ बलात्कार का झूठा मामला दर्ज कराने वाली महिला कानूनी कार्रवाई का प्रावधान होने के बावजूद बिना किसी बाधा के गुजर-बसर करती है।

बीकानेर रेंज के चार जिलों बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में पिछले दो सालों के आंकड़ों चौकाते हैं। चारों जिलों में दो साल में १५०८ दर्ज बलात्कार के मामलों का विश्लेषण करें तो ५७९ मामले झूठे पाए गए हैं। अनुसंधान की प्रक्रिया के बाद पुलिस भी ऐसे मामलों को अदम पता या अदम बकू मानते हुए एफआर लगाने पर मजबूर झहोती है।

वर्ष २०१९ में बीकानेर रेंज में ब्लात्कार के ८३० मामले दर्ज हुए, जिसमें से २३८ झूठे पाए गए और ४७१ मामलों में पुलिस ने चालान कर दिया जबकि ८५ मामले आज भी पेंडिंग चल रहे हैं। कुल मामलों में से झूठे मामलों का प्रतिशत २८.६७ रहा। इसी प्रकार वर्ष २०२० में ६७८ मामले दर्ज हुए, जिसमें २५१ झूठे पाए गए और ३३५ मामलों में पुलिस ने चालान कर दिया जबकि ९२ पेंडिंग चल रहे हैं। झूठे मामलों का प्रतिशत ३७.०२ रहा।

झूठे मामलों में श्रीगंगानगर अव्वल
बलात्कार के झूठे मामले दर्ज कराने में श्रीगंगानगर जिला अव्वल है। श्रीगंगानगर जिले में बीते दो सालों में बलात्कार के ४४८ मामले दर्ज हुए, जिसमें से २०४ झूठे पाए गए यानि ४५.५३ फीसदी मामले झूठे निकले। दूसरे नंबर पर हनुमानगढ़ जिला रहा है। हनुमानगढ़ में ३६८ मामले दर्ज हुए, जिसमें से १४१ झूठे पाए गए। झूठे मुकदमों का प्रतिशत ३८.३१ रहा। बीकानेर में ३९३ मामले दर्ज हुए, जिसमें से ११८ झूठे पाए गए यानि ३०.०२ फीसदी मामले झूठे निकले। चूरू जिले में २९९ मामले दर्ज हुए, जिसमें से ११६ झूठे पाए गए। झूठे मामलों का प्रतिशत ३८.७९ रहा।

दंड कम होने से लोगों में भय नहीं
पीडि़ता के १६४ बयानों की सत्यता जानने के लिए अनुसंधान अधिकारी को गहराई से अनुसंधान करना चाहिए ना कि पीडि़ता की बात को ही सत्य मान लिया जाए। एफएसएल से डीएनए रिपोर्ट आने और प्रमाणित होने पर आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश करना चाहिए। किसी भी परिवादी का मुकदमा झूठा पाए जाने पर पुलिस १८२/२११ में कार्रवाई करती है लेकिन दंड बहुत कम होने से इसका लोगों में भय नहीं है। ऐसे मामलों में झूठे मुकदमे कराने वाले को भी उतनी ही सजा मिलनी चाहिए जितनी दोषी को मिले। तब जाकर लोग झूठा मुकदमा दर्ज कराने से बाज आएंगे।
ओमप्रकाश जोशी, आरपीएस सेवानिवृत्त एवं वरिष्ठ अधिवक्ता

दो सालों में बलात्कार के दर्ज मामले
जिला मामले दर्ज झूठे चालान पेंडिंग
बीकानेर २२७ ७१ २२
श्रीगंगानगर २४८ ११९ २१
हनुमानगढ़ १९६ ७३ २३
चूरू १५९ ६५ १९ (वर्ष,२०१९)

जिला मामले दर्ज झूठे चालान पेंडिंग
बीकानेर १६६ ४७ २६
श्रीगंगानगर २०० ८५ २८
हनुमानगढ़ १७२ ६८ २७
चूरू १४० ५१ ११ (वर्ष,२०२०)
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