यहां पुलिस गाड़ी से जब कांस्टेबल का शव उतारा गया तो वह फूट-फूट कर रोने लगा। रोते-बिलखते वह बेहोश हो गया। बाद में उसे स्थानीय चिकित्सालय में भर्ती कराना पड़ा। हादसे का पता चलने पर उनके साथियों की रुलाई फूट पड़ी।बिश्नोई समाज के जनप्रतिनिधियों ने कांस्टेबल को शहीद का दर्जा देने की भी मांग पुलिस के उच्चाधिकारियों के सामने उठाई।
मगनाराम केड़ली ने कहा कि श्रवणराम को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। कांस्टेबल के हुए दुखद हादसे जब साथियों को पता चला तो एकबारगी किसी को यकीन ही नहीं हुआ। जब इसकी पुष्टि हुई तो थाने में सन्नाटा पसर गया। जब उनके शव को स्थानीय चिकित्सालय लाया गया तो वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों की आंखों से आंसू छलक आए।
गाने-बजाने का था शौक
नोखा थाने में पदस्थापित श्रवणराम बिश्नोई को गाने-बजाने का शौक था। वह रात के जगरातों में भी कई बार जाते थे, जहां हारमोनियम बजाते थे। नोखा थाने के कास्टेबल नत्थाराम मेघवाल ने बताया कि श्रवणराम मेरे बचपन का दोस्त था। हम एक ही स्कूल में पढ़ते थे।
नोखा थाने में पदस्थापित श्रवणराम बिश्नोई को गाने-बजाने का शौक था। वह रात के जगरातों में भी कई बार जाते थे, जहां हारमोनियम बजाते थे। नोखा थाने के कास्टेबल नत्थाराम मेघवाल ने बताया कि श्रवणराम मेरे बचपन का दोस्त था। हम एक ही स्कूल में पढ़ते थे।
पढऩे में होनहार श्रवणराम के साथ मेरा सौभाग्य ही रहा कि हम नौकरी भी एक साथ कर रहे थे। कांस्टेबल नत्थाराम ने बताया कि श्रवणराम की पारिवारिक स्थिति भी सामान्य थी। शुरू से संघर्षशील श्रवणराम बिश्नोई ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे थे, लेकिन अपने पारिवारिक स्थिति को कभी भी काम के दौरान बयां नहीं किया।
चोरों को पकडऩे में थे माहिर
नोखा थाने के कांस्टेबल श्रवणराम बिश्नोई चोरों को पकडऩे में माहिर थे। उनकी खोजपरक कार्यशैली के चलते उन्होंने नोखा में मोटरसाइकिल चोरी की घटना का पर्दाफाश कर चोर गिरोह को दबोचा था। एक साथ तीस से अधिक चोरी की मोटरसाइकिलों को चोरों सहित पकडऩे की उपलब्धि के चलते उन्हें २६ जनवरी को पुरस्कार भी दिया गया था।
नोखा थाने के कांस्टेबल श्रवणराम बिश्नोई चोरों को पकडऩे में माहिर थे। उनकी खोजपरक कार्यशैली के चलते उन्होंने नोखा में मोटरसाइकिल चोरी की घटना का पर्दाफाश कर चोर गिरोह को दबोचा था। एक साथ तीस से अधिक चोरी की मोटरसाइकिलों को चोरों सहित पकडऩे की उपलब्धि के चलते उन्हें २६ जनवरी को पुरस्कार भी दिया गया था।
गणतंत्र दिवस पर हुए थे सम्मानित
पुलिस सेवा के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने पर कांस्टेबल श्रवणराम बिश्नोई को हाल ही २६ जनवरी को बाबा छोटूनाथ उच्च माध्यमिक विद्यालय में सम्मानित किया गया था। समारोह में उपखंड अधिकारी ने प्रशंसा-पत्र व प्रतीक-चिह्न देकर सम्मानित किया।
पुलिस सेवा के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने पर कांस्टेबल श्रवणराम बिश्नोई को हाल ही २६ जनवरी को बाबा छोटूनाथ उच्च माध्यमिक विद्यालय में सम्मानित किया गया था। समारोह में उपखंड अधिकारी ने प्रशंसा-पत्र व प्रतीक-चिह्न देकर सम्मानित किया।
मृदुभाषी व मिलनसार श्रवणराम कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी था। उसकी कभी कोई शिकायत नहीं थी।वह मृदुभाषी व मिलनसार था। उसे जो काम दिया जाता उसे बखूबी निभाता। नोखा में मेरे साथ काम किया। मेरी अब तक की नौकरी में मैंने ऐसा सच्चा व सादगीपूर्ण जवान नहीं देखा।
दरजाराम, नोखा के पूर्व सीआई
दरजाराम, नोखा के पूर्व सीआई