वहीं तीन आरोपितों की तलाश की जा रही है, जो घटना के दौरान आरोपितों के साथ थे। जिला पुलिस अधीक्षक सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि उगमपुरा नोखा निवासी किरण कंवर 24 मार्च को बीकानेर से अपने गांव 15 लाख रुपए की राशि के साथ एक कार में बैठकर नोखा जा रही थी।
बीकानेर से निकलते ही उसकी कार को उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के पास एक कार चालक ने ओवर टेकर करते हुए रोक लिया। इसके बाद कार में सवार आरोपितों ने उसके कार चालक के साथ मारपीट कर परिवादी के हाथ से 15 लाख रुपए का थैला छीन लिया। घटना के वक्त पीडि़ता किरण के साथ उसके पिता भंवरसिंह व भाई दुर्गासिंह भी साथ थे।
आईटी सेल का सहयोग
पुलिस अधीक्षक सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि घटना के बाद सीओ सदर राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन किया था। इसमें उप निरीक्षक रामप्रताप गोदारा व साइबर सेल के कानिस्टेबल दीपक यादव, जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने के हैड कॉस्टेबल अब्दुल सत्तार, जगदीश प्रसाद बिश्नोई, लक्ष्मण तथा कॉस्टेबल सवाई सिंह व अनिल कटैवा की टीम का गठन किया गया।
पुलिस अधीक्षक सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि घटना के बाद सीओ सदर राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन किया था। इसमें उप निरीक्षक रामप्रताप गोदारा व साइबर सेल के कानिस्टेबल दीपक यादव, जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने के हैड कॉस्टेबल अब्दुल सत्तार, जगदीश प्रसाद बिश्नोई, लक्ष्मण तथा कॉस्टेबल सवाई सिंह व अनिल कटैवा की टीम का गठन किया गया।
इस कार्य में आईटी सेल के कार्मिकों का विशेष सहयोग रहा। पुलिस ने घटना के बाद से ही आरोपितों की खोजबीन करनी शुरू कर दी थी। पुलिस अधिकारियों ने शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को खंगालना शुरू कर दिया था। जिला पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा ने बताया कि लूट की घटना का पर्दाफाश करने वाले पुलिस कार्मिकों व अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
महज दो घंटे
आरोपितों को पीडि़ता के पास 15 लाख रुपए की भनक लगने के साथ ही उन्होंने इसे लूटने की योजना बना ली थी। इस काम के लिए उन्हें महज दो घंटे का समय लगा। जिला पुलिस अधीक्षक सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि लूट के आरोपित अरुण जांदू ने आदतन अपराधी तोलाराम से मोबाइल पर संपर्क कर कोर्ट परिसर में बुलाकर योजना को अंजाम दिया।
आरोपितों को पीडि़ता के पास 15 लाख रुपए की भनक लगने के साथ ही उन्होंने इसे लूटने की योजना बना ली थी। इस काम के लिए उन्हें महज दो घंटे का समय लगा। जिला पुलिस अधीक्षक सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि लूट के आरोपित अरुण जांदू ने आदतन अपराधी तोलाराम से मोबाइल पर संपर्क कर कोर्ट परिसर में बुलाकर योजना को अंजाम दिया।
तोलाराम ने अपने सहयोगी गणेशाराम जाट, रेंवतराम जाट, जेठाराम, श्रवण चौधरी को तैयार किया। सभी आरोपितों की पहुंच के बाद जैसे ही पीडि़ता की कार रवाना हुई, उसके बाद उन्होंने इसका पीछा करना शुरू कर दिया। आरोपितों ने रुपए लूटने के बाद बरसिंहसर पहुंचकर लूट की राशि को आपस में बांट लिया।