पानी की किल्लत मण्डी परिसर में जलापूर्ति के लिए पाइप लाइनें नहीं होने से सालभर व्यापारियों व किसानों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। हालांकि मण्डी परिसर में आधा दर्जन जगह पर शीतल पेयजल की सुविधा होनी चाहिए। मण्डी में तीन नई सार्वजनिक प्याऊ बनवा दी गई है लेकिन गत दो साल से वाटर कूलर नहीं होने से लोगों के उपयोग में नहीं आ रही है।
सड़क क्षतिग्रस्त मंडी परिसर की आंतरिक सड़कें टूटी है। इसके अलावा मण्डी के कुछ क्षेत्र में सड़कें बनी नहीं है। मण्डी को गांवों से जोडऩे वाली अधिकांश सम्पर्क सड़कें खस्ताहाल है तथा टूटी सड़कों के कारण मण्डी में अपनी उपज लेकर आने वाले किसानों को परेशानी झेलनी पड़ती है। इससे मण्डी को राजस्व नुकसान भी हो रहा है।
कवर्ड शेड अपर्याप्त अनाज मण्डी में जिंसों की आवक को देखते हुए कवर्ड शेड अपर्याप्त है। ऐसे में प्रतिकूल मौसम में किसानों का अनाज खराब होने से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। मंडी में गणेश मन्दिर के पीछे खाली भूमि पर अरसे से नीलामी शेड बनवाने की मांग उठ रही है लेकिन बीकानेर मण्डी विकास समिति की ओर से ना तो खाली भूमि पर किसानों के लिए सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है तथा ना ही भूमि कृषि उपज मण्डी समिति को दी जा रही है। ऐसी स्थिति में किसानों की जिन्स की आवक बढऩे पर बालू रेत में बोली करवानी पड़ती है। इससे जिन्सें में मिट्टी व कंकर मिलने का खामियाजा किसानों को झेलना पड़ता है।
मंडी में सीजन के दौरान रोजाना बड़ी तादाद में किसानों की आवाजाही रहती है लेकिन किसानों व व्यापारियों के लिए एकमात्र शौचालय उपयोग लेने की सुविधा नहीं है। किसानों व व्यापारियों को मजबूरन खुले में शौच जाना पड़ता है। मंडी में रोजाना ४०० से ५०० पल्लेदार काम करते है लेकिन शौचालय के अभाव में खुले में शौच जाने की मजबूरी बनी है।
पानी निकासी की व्यवस्था नहीं मण्डी में सालाना लाखों का बजट साफ-सफाई पर खर्च होता है। लेकिन साफ-सफाई की व्यवस्था सुचारू नहीं होने से जगह-जगह मण्डी में कचरे के ढेर लगे हैं। मण्डी के मुख्य द्वार के पास कूड़ा-करकट व झाडिय़ों सफाई व्यवस्था को धता बता रहे है। मण्डी में जल निकासी नालियों की व्यवस्था नहीं होने से बारिश में व्यापारियों व किसानों का अनाज पानी में बह जाता है।
विशेष ध्यान नहीं अनाज मंडी में सुविधाओं को लेकर कई बार व्यापार मंडल द्वारा अवगत करवाया है लेकिन मंडी प्रशासन का किसानों व व्यापारियों की सुविधाओं की ओर विशेष ध्यान नहीं है। व्यापारियों को भी जागरूकता दिखाकर मुहिम चलाने की जरूरत है।