बिछी हुई हैं लाइनें
जानकारी के मुताबिक, इस प्लांट से ही ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। इसको ऑपरेशन थियेटर तथा अन्य वार्डों में मरीजों तक पहुंचाने के लिए प्लांट से लाइन बिछाई गई है। इस लाइन द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। दो साल पहले ही इस प्लांट को स्थापित किया गया था। तथ्य यह भी है कि स्थापित होने के बाद से ही यह प्लांट अक्सर खराब होता रहा है। लिहाजा, अस्पताल प्रशासन बाहर से मंगाए ऑक्सीजन सिलेंडरों के भरोसे ही रहता है।
तोड़फोड़ वालों का अब तक नहीं चला पता
गौरतलब है कि पिछले दिनों अस्पताल में अकारण ही कुछ लोगों ने तोड़फोड़ कर दी थी। उनका भी अभी तक पता नहीं चला है। अस्पताल प्रशासन ने भी घटना के करीब दस दिन बाद पुलिस को सीसीटीवी फुटेज दिए, लेकिन अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। हाल में एसी प्लांट भी कई दिनों तक खराब रहा था, जिससे डॉक्टरों को ऑपरेशन भी पसीने में लथपथ हालत में करने पड़े। इतना ही नहीं, हालात यह हैं कि एसएसबी के ऐसे ही हालात के चलते शायद कोई जिम्मेदार शख्स इस इकाई के अधीक्षक पद का दायित्व संभालने को तैयार नहीं होता।