गिर्राजसर के बुजुर्ग तुलसीदास साध की शुगर से आंख की ज्योति चली गई। उनके भतीजे मूलचन्द ने बताया कि दवा लेने से अब दिखाई देने लगा है। जोधपुर की राज कंवर ने बताया कि उनका लीवर वर्षों से खराब था। भाटी की सलाह पर दवा लेने से अब वे स्वस्थ्य हैं। जोधपुर के शेर सिंह ने आंखों में पानी गिरने की दवा ली और अब आंखें ठीक हैं। सियाणा के जीतू सिंह की भी आंखों की बीमारी की दवा चल रही है, उनका कहना है कि 25 प्रतिशत सुधार है।
गजनेर के वृद्ध हजारी राम को रिपोर्ट में प्रोस्टेट का चौथी स्टेज में कैंसर बताया गया, जो ‘कृष्णवेली’ दवा लेने से ठीक हो गया। यह बात रोगी एवं परिजन कह रहे हैं। रोगी स्वस्थ है। अंगणेऊ और भाणेका गांव में एचआईवी पॉजिटिव रोगियों के परिजनों का कहना है कि दवा लेने के बाद रोगियों का वजन बढ़ा एवं ठीक महसूस कर रहे हैं। इसमें से अंगणेऊ की एक महिला ३५ वर्ष की तथा भाणेका गांव के पति-पत्नी 30-32 वर्ष के हैं।
भाटी की सलाह पर इलाज ले रहे दर्जनभर लोगों को उनके रोग की स्थिति के बारे में पूछा गया। पलाना गांव के मघाराम ने बताया कि उसे जीभ का कैंसर था। इसकी जांच मुम्बई की लैब में करवाई। वहां कैंसर बताया तो विश्वास नहीं हुआ। जयपुर के महावीर कैंसर अस्पताल में फिर जांच करवाई। वहां भी कैंसर बताया गया। कुछ दिन भर्ती रहे तो डाक्टर ने जीभ की सर्जरी करवाने की सलाह दी। सर्जरी नहीं करवाकर वे पलाना आ गए। इसकी जानकारी भाटी को दी तो उन्होंने गुजरात जाकर ‘कृष्णवेली’ दवा लाने की सलाह दी। तीन माह यह दवा ली अब वह ठीक है।
मैंने जिले के गांवों तथा जोधपुर-जैसलमेर के लोगों, मित्रों और परिजनों को इलाज के घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक दवाएं लेने की सलाह दी। इस सलाह से दवाएं लेने वाले लोगों को लाभ हुआ है। इसमें कैंसर, एचआईवी पॉजिटिव (एड्स), लीवर की बीमारी, आंखों की बीमारियां ठीक हुई हैं। दवा बनाने की बीकानेर रसायन शाला भी बनाई गई है। धीरे-धीरे काम आगे बढ़ रहा है।
देवी सिंह भाटी, बीकानेर