scriptविवि में 50 बीघा तक फैला फैक्ट्रियों का गंदा पानी, अनुसंधान प्रभावित | Dirty water of factories spread over in the agriculture university | Patrika News
बीकानेर

विवि में 50 बीघा तक फैला फैक्ट्रियों का गंदा पानी, अनुसंधान प्रभावित

बीछवाल इण्डस्ट्रियल एरिया में लगी फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी धीरे-धीरे फैलता जा रहा है। यह गंदा पानी स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय की ५० बीघा भूमि में फैल चुका है। इससे यह बेशकीमती भूमि खराब हो गई है। इसके अलावा यहां अनुसंधान पर प्रभाव पड़ रहा है।

बीकानेरOct 15, 2019 / 12:04 pm

Nikhil swami

विवि में 50 बीघा तक फैला फैक्ट्रियों का गंदा पानी, अनुसंधान प्रभावित

dirty water

बीकानेर. बीछवाल इण्डस्ट्रियल एरिया में लगी फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी धीरे-धीरे फैलता जा रहा है। यह गंदा पानी स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय की ५० बीघा भूमि में फैल चुका है। इससे यह बेशकीमती भूमि खराब हो गई है। इसके अलावा यहां अनुसंधान पर प्रभाव पड़ रहा है। व्याख्याताओं ने बताया कि इस गंदे पानी से बाजरे की नई तकनीक, मोठ, भिंडी, मूगंफली, बागवानी की नई तकनीकों पर चल रहे शोध प्रभावित हुए हैं। छात्रों ने बताया कि पहले वर्ष २०१७ में विवि के पास नाले को बंद करवाया गया था, लेकिन फिर रेलवे प्रशासन ने इसको वापस खोल दिया।
विवि की रैंकिंग गिरी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सभी कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग की जाती है। पहले कृषि विश्वविद्यालय ३० वीं रैंक पर था, लेकिन अब यह रैंकिंग में ५९वें स्थान पर पहुंच गया है।
कर्मचारी व विद्यार्थी हो रहे बीमार
गंदे पानी से यहां के कर्मचारियों व मजदूरों को सांस की बीमारी होने लगी है। इस क्षेत्र में एक मिनट भी खड़ा होना मुश्किल हो गया है। इस गंदे पानी से कर्मचारी-विद्यार्थियों व यहां खेती करने वाले मजदूरों को चर्म रोग होने लगा है।
दो छात्रावास व एक अनुसंधान केन्द्र बंद

फैक्ट्रियों से निकल रहा गंदा पानी विवि के छात्रावास व एक अनुसंधान केन्द्र कार्यालय के सामने तक आ चुका है। पानी की दुर्गंध से २०१२-१३ में यहां दो छात्रावास व एक अनुसंधान केन्द्र बंद हो गए।
मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे

विवि में फैक्ट्रियों के गंदा पानी का विषय मेरा ध्यान में आया है। इसको लेकर प्रशासन व मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। इस समस्या के समाधान के लिए विवि में जल्द ही बैठक बुलाएंगे।
डॉ. आरपी सिंह, कुलपति, स्वामी केशवानंद कृषि विवि बीकानेर

गंदे पानी से पेड़-पौधे सब जल गए हैं। गंदे पानी से यहां अनुसंधान पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। बाहर से आने वाले लोगों को वातावरण भी सही नहीं दे पा रहे हैं। जमीन भी खराब हो गई है।
डॉ. एसएल गोदारा, अनुसंधान निदेशक, कृषि विवि

गंदे पानी के लिए यहां ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना है। इसके लिए कलक्टर स्तर पर चर्चा चल रही है। फैक्ट्री संचालकों को भी पाबंद किया जाएगा। अगर विवि में गंदे पानी ज्यादा आ गया है तो विवि प्रशासन से वार्ता कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
ज्ञानेन्द्र कुमार शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, रीको

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