अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) सुनील बोड़ा व प्रारम्भिक के अजय रंगा ने सभी विद्यालयों में एच-1 एन-1 वायरस को लेकर जागरूकता कायक्रम की जानकारी दी। डॉ. बराड़ के निर्देश पर विद्यालयों व नर्सिंग कॉलेजों में किसी भी विद्यार्थी के सर्दी-जुकाम व बुखार होने पर उसे तुरंत चिकित्सालय भेजने और ठीक होने तक घर पर ही रखा जाएगा।
रेस्पोंस से स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण
डॉ. मीणा ने कहा कि जिले में स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मरीज वाले स्थान पर रेपिड रेस्पोंस टीम (आरआरटी) घर व सीधे संपर्क वाले व्यक्तियों को टेमी फ्लू दवा दे रही है। उन्होंने कहा कि 27 मामले होने के बावजूद जिले में अभी तक कोई जन हानि नहीं हुई है।
लक्षण पर सरकारी अस्पताल रेफर करें
सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा ने आयुर्वेद विभाग के अस्पतालों व निजी चिकित्सालयों में आने वाले बी-2 श्रेणी के आइएलआई लक्षण वाले मरीजों को तुरंत सरकारी चिकित्सालय रेफर करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वाइन फ्लू के इलाज की गाइडलाइन बताई।
डॉ. मीणा ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं व पांच वर्ष से छोटे बच्चों में फ्लू के लक्षणों पर नजर रखेंगी। संदिग्ध मामले की जानकारी स्वाइन फ्लू जिला कण्ट्रोल रूम 0151-2204989 पर दी जाए। बैठक में डिप्टी सीएमएचओ डॉ. इंदिरा प्रभाकर, डॉ, योगेन्द्र तनेजा, नीलम प्रताप सिंह, मालकोश आचार्य, महेंद्र सिंह चारण, डॉ. हंसराज चैधरी, डॉ. सुधीर चांडक आदि मौजूद थे।
जिले में संदिग्ध 209 मरीजों के नमूने जांचे गए, जिसमें से 27 व्यक्ति स्वाइन फ्लू पॉजीटिव पाए गए। गुरुवार को स्वास्थ्य कर्मियों के 93 दलों ने 1848 घरों का सर्वे कर 227 सर्दी-जुकाम के रोगियों को दवा दी। जिले के चिकित्सा संस्थानों पर ओपीडी में 7,017 की स्क्रीनिंग कर 998 व्यक्तियों का उपचार किया गया। स्वास्थ्य विभाग के आयुष दल ने नत्थूसर गेट के बाहर यूपीएचसी न. छह में शिविर लगाकर 854 व्यक्तियों को डेंगू-मलेरिया-स्वाइन फ्लू के बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया।