इससे कई वार्डों में मरीज नर्सिंगकर्मियों और परिजनों के भरोसे रहे। वहीं रेजीडेंट चिकित्सकों ने सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की है। इसके लिए एसपी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था की है। प्रशासन ने सभी वरिष्ठ चिकित्सकों को जिम्मेदारी दी है। वहीं शाम को चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज से
आंबेडकर सर्किल तक कैंडल मार्च निकाला।
जनता परेशान वरिष्ठ नागरिक कालीचरण माथुर ने कहा कि चिकित्सकों की आए दिन हड़ताल से प्रदेश की जनता परेशान है। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों और मरीज के परिजनों के साथ आए दिन विवाद होता है। विवाद के बाद चिकित्सक हड़ताल पर चले जाते हैं, जिससे मरीज परेशान होते हैं।
चिकित्सकों ने निकाला कैंडल मार्च रेजीडेंट चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार के चलते सुबह नौ से ११ बजे तक कुछ वार्डों में वरिष्ठ चिकित्सकों ने बागडोर संभाली, वहीं कई वार्ड नर्सिंगकर्मियों के भरोसे रहे। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. विजय पूनिया ने बताया कि १७ जून को सुबह आठ बजे से १८ जून को सुबह आठ बजे तक सभी रेजीडेंट चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित होंगी।
इस संबंध में कॉलेज प्राचार्य डॉ. एचएस कुमार को ज्ञापन दिया गया है। वहीं रविवार शाम को राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर एसोसिएशन बीकानेर एवं रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, आइएमए, अंडर ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट संगठन, मेडिकल प्रैक्टिशनर सोसायटी ऑफ बीकानेर, मरुधरा रॉटरी क्लब ने कैंडल मार्च निकाला। आरएमसीटीए के अध्यक्ष डॉ. गुंजन सोनी ने कहा कि चिकित्सकों से मारपीट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार चिकित्सकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें।
आज ओपीडी सेवाएं बंद आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा एवं प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने बताया कि १७ जून को प्रदेशभर में ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया जाएगा। राज्य संयुक्त सचिव डॉ. राहुल हर्ष ने बताया कि इमरजेंसी सेवा, वार्ड राउंड, इमरजेंसी ऑपरेशन, पोस्टमार्टम सेवाएं जारी रहेंगी। इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन के राज्य संयुक्त सचिव डॉ. जहांगीर खान ने बताया कि मारपीट के विरोध में डायग्नोस्टिक सेंटर बंद रखे जाएंगे।