नगर निगम की ओर से इस वर्ष सितम्बर माह तक करीब नौ सौ श्वानों को पकड़ा भी गया, मगर इनको रखने की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें शहर से दूर छोड़ दिया गया। नतीजा एक जगह के लोगों को कुछ राहत मिली तो दूसरे स्थान पर लोगों के लिए आफत खड़ी हो गई। पशु विशेषज्ञों के अनुसार अनजान जगह पर पहुंच कर जानवर भयभीत हो जाता है, नतीजतन वह खतरनाक हो जाता है।
जनवरी से सितम्बर माह तक जिले में 10 हजार 549 लोगों को श्वान काट चुके हैं। इनमें से आधे बीकानेर शहरी क्षेत्र में सामने आए। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र की डिस्पेंसरियों सहित जिला अस्पताल और पीबीएम में पांच हजार 80 डॉग बाइट के रोगी सामने आए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बीकानेर ब्लॉक में 975, नोखा ब्लॉक में 1241, लूणकरणसर ब्लॉक में 881, श्रीडूंगरगढ़ ब्लॉक में 761, कोलायत ब्लॉक में 967, खाजूवाला ब्लॉक में 644 डॉग बाइट से घायल इस साल सितम्बर माह तक सामने आ चुके हैं।
बीकानेर शहर में श्वानोंं की संख्या बढ़ रही है। पूर्व में इनको पकड़कर नसबंदी की गई थी। इसके लिए दो बार टेण्डर जारी किए गए मगर कोई संस्था इनकी नसबंदी करने को लेकर सामने नहीं आई है। निगम श्वानोंं की समस्या के समाधान को लेकर गंभीर है।
नारायण चौपड़ा, महापौर-नगर निगम, बीकानेर।
शहर में श्वान आमजन को काटकर प्रतिदिन घायल कर रहे हैं। निगम प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। न तो श्वानोंं को पकड़ा जा रहा है व न ही इनकी बढ़ती संख्या को नियंत्रित रखने के लिए नसबंदी की जा रही है।
जावेद पडि़हार, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम, बीकानेर।
वर्ष डॉग बाइट
2013 4,403
2014 7,564
2015 11,104
2016 11,896
2017 (सित. तक) 10,549