सीन दो : रानीबाजार रेलवे फाटक के पास गली में रात करीब साढ़े आठ बजे कुछ लोग शराब पी रहे रहे थे। जब शराब सार्वजनिक स्थान पर पीने से टोका, तो वे झगड़ा करने पर उतारू हो गए। कुछ ऐसा ही डॉ. करणीङ्क्षसह स्टेडियम के पास हुआ। वहां दो-तीन नाबालिग गांजे वाली सिगरेट पी रहे थे।
यह दो ²श्य दरअसल शहर में नशा करने वालों की बढ़ती तादाद का एक नमूना भर हैं। यह स्थिति नशे के कारोबार व नशेडिय़ों पर पुलिस की ढीली पकड़ ही दिखाती है।
शाम ढलते ही शहर में कई सार्वजनिक स्थानों पर नशा करने वालों की महफिलें जम जाती हैं, जो देररात तक चलती हैं। सार्वजनिक स्थानों पर नशेड़ी शराब पीते हैं और गांजे के कश लगाते हैं। इनमें नाबालिग और किशोर भी शामिल हैं। नशेडिय़ों में पुलिस का जरा-भी खौफ नहीं है। पुलिस की गाड़ी आती है, तब वह कुछ देर के लिए इधर-उधर हो जाते हैं लेकिन बाद में वापस आ धमकते हैं। पुलिस भी केवल खानापूर्ति कर इतिश्री कर लेती है।
यहां सजती हैं महफिलें
गजनेर ओवरब्रिज के नीचे, चौखूंटी पुलिया के नीचे, सार्दुलङ्क्षसह सर्किल के पास, रतनबिहारी पार्क, रेलवे स्टेशन के पास वाली गली, मटका गली, डॉ. करणीङ्क्षसह स्टेडियम, भुट्टो का चौराहा, पूगल फांटा, करमीसर रोड, शिवबाड़ी, सांगलपुरा बस स्टैंड के पास, सुजानदेसर काली माता मंदिर के पीछे खाली मैदान में, रामपुरा बस्ती स्टेशन रोड, पीबीएम अस्पताल परिसर एवं शहर में खाली पड़े सरकारी भवनों में शाम को नशेड़ी शराब पीते हैं। खाली भवनों को इन्होंने शराब पीने का अड्डा बना रखा है।
सार्वजनिक स्थान पर बैठ कर शराब पीना गलत है। पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ 60 पुलिस एक्ट की कार्रवाई करती है। सभी थानाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में हर दिन सार्वजनिक स्थान पर बैठकर शराब व किसी भी तरह का नशा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करें। लापरवाही बरतने वाले थानाधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।
-अमित कुमार बुड़ानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर