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बीकानेर

राजस्थान के महज छह जिलों में ई-कचरा रीसाइक्लिंग, बीते पांच सालों में इलेक्ट्रॉनिक कचरे में चार गुणा की बढ़ोतरी

E-waste Recycling Facility : प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक कचरा तेजी से बढ़ रहा है। हालात यह है कि बीते पांच साल में इसकी मात्रा चार गुणा बढ़ गई, लेकिन इसकी रीसाइक्लिंग की तरफ हमारा ध्यान नहीं जा रहा है।

बीकानेरMar 18, 2024 / 02:28 pm

Supriya Rani

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Bikaner News : प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक कचरा तेजी से बढ़ रहा है। हालात यह है कि बीते पांच साल में इसकी मात्रा चार गुणा बढ़ गई, लेकिन इसकी रीसाइक्लिंग की तरफ हमारा ध्यान नहीं जा रहा है, जबकि राजस्थान में ई वेस्ट मैनेजमेंट नीति पिछले साल जारी की जा चुकी है। प्रदेश की स्थिति तो यह है कि महज छह जिलों में ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से अधिकृत ई-कचरे की रीसाइक्लिंग, रीफर्बिशिंग और डिसमेंटल करने की सुविधा उपलब्ध है। कई शहरों में तो यह ई-वेस्ट इकट्ठा करने के लिए कलेक्शन सेंटर तक नहीं है। राज्य में आज भी यह कचरा कबाड़ियों और स्क्रेप डीलर के भरोसे ही निस्तारित हो रहा है। उपभोक्ताओं से प्राप्त ई-वेस्ट रीसाइकलिंग के लिए अधिकृत पुनर्चक्रणकर्ताओं (रीसाइकलर्स) तक नहीं पहुंच रहा है।

प्रदेश में ई-कचरे के वैज्ञानिक और ईको फ्रेंडली निस्तारण के लिए 28 प्रसंस्करण इकाइयां अधिकृत हैं। इनमें से 15 इकाइयां तो अकेले अलवर जिले में ही है। जयपुर में 7, सीकर में 3 और अजमेर, धोलपुर और बाड़मेर में एक-एक इकाई है। शेष राजस्थान में इसकी रीसाइक्लिंग सुविधा ही उपलब्ध नहीं है।

पर्यावरण और सेहत दोनों के लिए घातक: इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में काम आने वाली सामग्रियों का अपशिष्ट पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए घातक है। इनके गैर-वैज्ञानिक तरीके से निपटान किए जाने से पानी, मिट्टी और हवा जहरीले होते जा रहे हैं। ये जहर स्वास्थ्य पर कहर बरपा सकता है।

 

 

 

Electronic Waste : प्रदूषण नियंत्रण मंडल मानता है कि स्क्रैप डीलर और कबाड़ी नेटवर्क घर-घर संग्रह में पारंगत है। लेकिन इनकी प्रसंस्करण तकनीक ठीक नहीं है। खुले और बर्निंग और अनियंत्रित डंपिंग से इस काम में लगे श्रमिकों और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। व्यापक नेटवर्क के कारण अधिकांश ई वेस्ट इनके जरिए ही एकत्रित और संसाधित किया जा रहा है।

 

 

 

वर्ष ई-कचरा

 

2018-198478
2019-2017028
2020-2120816
2021-2227998
2022-2331697

(स्रोत: आरएसपीसीबी, एकत्रित और संसाधित मात्रा मीट्रिक टन में)

 

 

जयपुर में एक एकीकृत पुर्नचक्रण पार्क की स्थापना हो रही है। जहां ई-वेस्ट रिसाइकलर्स के साथ अन्य कचरे के पुनर्चक्रकणकर्ताओं को स्थापित किया जाएगा। – प्रदीप आसनानी, क्षेत्रीय अधिकारी, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल

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