ग्रामीणों ने बताया कि सीताराम मेघवाल के खेत में यह उपकरण और गुब्बारा शाम करीब 7 बजे गिरा। जो ग्रामीणों के लिए कोतूहल बना हुआ है। गुब्बारा में यंत्र लगा होने के चलते इसे लेकर तरह-तरह की आशंका जताई गई। कोई पाकिस्तान का जासूसी के लिए छोड़ा गुब्बारा होने की आशंका जता रहा है तो कोई इसे मौसम अनुमान के लिए छोड़े जाने वाला गुब्बारा बता रहा है।
इसी जद्दोजहद में रात के 10 बज गए। ग्रामीणों ने नोखा पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस दल इस गांव पहुंचा और गुब्बारा और उपकरण को अपने कब्जे में लिया। गुब्बारा और उपकरण की वास्तविकता का खुलासा देर रात तक नहीं हो पाया कि यह किस उद्देश्य से छोड़ा हुआ गुब्बारा है।