बीकानेर के विभिन्न पुलिस थानों में फर्जी खातों से जुड़े आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। कुछ बैंक कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन फर्जी खाता खोलने वाले मास्टर माइंड आज भी पुलिस पकड़ से बाहर हैं। उधर, फर्जी खाता बना कर निवेश करने वालों की वजह से आयकर विभाग परेशान भी है। आयकर विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ रिकवरी तो निकाल देता है, लेकिन वसूली के लिए पहुंचता है तो पता फर्जी निकलता है। इस नाम का आदमी ही नहीं मिलता। इसी पशोपेश में आयकर विभाग ने कुछ ऐसे लोगों को रिकवरी के नोटिस जारी कर दिए जो इस दुनिया में ही नहीं है। बीकानेर में कुछ ऐसे भी लोग है जिन्हें आयकर विभाग का नोटिस मिलने के बाद पता चला कि उनके नाम से फर्जी खाते खुले हुए हैं, एवं करोड़ों का लेनदेन हो रहा है। लेकिन विभाग उनकी सुनने को तैयार नहीं है।
मामले दर्ज, पुलिस अंधेरे में बीकानेर के कई पुलिस थानों मेंं इस तरह के कई तो मामले दर्ज हैं, लेकिन ऊंची पहुंच के कारण जांच आगे नहीं बढ़ पा रही। जानकारों का मानना है कि कुछ सब ब्रोकर ऐेसे हैं। जो फर्जी आईडी देकर बैंक खाता खुलवा लेते हैं। बाद में इस फर्जी खाते को मुख्य ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा कर काले घन को वायदा बाजार में खपा दिया करते हैं। कई मामलों में इन फर्जी बैंक खातों का उपयोग हवाला कारोबार की तरह मोटी रकम को इधर से उधर करने में भी किया जाता है। पहले चंूकि वायदा बाजार में ट्रेडिंग अकाउंट खोलते समय व्यक्तिगत सत्यापन किए जाने का प्रावधान नहीं था, लेकिन फर्जीवाड़ा रोकने के लिए क्लाइंट की वीडियोग्राफी करने का नियम बना लिया है।
इनके खातों में लेन-देन
राजस्थान पत्रिका के पास कुछ ऐसे व्यक्तियों के खातों के कागजात मौजूद है जिनका अस्तित्व ही नहीं है। मैना देवी इंडसिंड बैंक, बीकानेर खाता संख्या ०११३- ०७१६४-०५०, भागीरथ इंडसिंड बैंक ०११३ ०७१६३-०५०, चरणजीत बैंक ऑफ बडौदा स्टेशन रोड़ बीकानेर ०१३५०१०००१७८४२ ये कुछ बैंक खाते हैं। जिन व्यक्तियों के ये खाते हैं, वे कभी अस्तित्व में ही नहीं थे, लेकिन इन नामों के खातों में करोड़ों रुपए का लेनदेन हो गया। ये फर्जी खाते किसने खुलवाए, और किसने इन खातों का संचालन किया आज तक किसी को पता नहीं।
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ये एक बहुत बड़ा घोटाला है, एफआईआर दर्ज होने के बाद तीन बार जांच हुई, लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इससे पहले बीकानेर की पुलिस आरोपियों को पकड़ पाती, ऊंची पहुंच होने के कारण इस मामले की फाइल दबा दी गई।
कानजी दुग्गड़, आरएस क्रेडिट, बीकानेर
फर्जी खाते खोलकर लाखों रुपए का लेनदेन करने के तीन मामलों की जांच कर रिपोर्ट भिजवा दी गई है। वह पत्रावली पुलिस मुख्यालय में ही लंबित है। पत्रावली में वर्तमान में क्या स्थिति है, कुछ पता नहीं है।
डॉ. प्यारेलाल शिवरान, एएसपी सीआईडी-सीबी क्राइम ब्रांच रेंज सेल बीकानेर