उन्होंने किसानों को एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लडऩे का आह्वान किया। किसान नेता धर्मवीर गोदारा ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा तीन में से एक समूह में पानी देने से एक महीने से फसलों को पानी मिल सकेगा। ऐसी स्थिति में किसानों की फसलें नहीं पक सकेगी। धरने को लूणकरनसर सरपंच रफीक मालावत, संतराम भोभरिया, चन्द्रप्रकाश मेघवाल, रिछपाल बिश्नोई, तोलाराम गोदारा, बलवीर धतरवाल, आरएलपी के भिराज जाखड़, इतिहास गौड़, किसान संघ के शभुंसिंह राठौड़, भवानीशंकर जाजड़ा, मदनलाल कठातला, धनराज ब्राह्मण, सीताराम शेरपुरा आदि ने विचार रखे। इसके बाद प्रतिनिधिमण्डल ने कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी एवं राजस्व तहसीलदार उमा मित्तल व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देकर चार में से दो समूह में सिंचाई पानी देने, नहरों, खालों व वितरिकाओं की सफाई व मिट्टी निकलवाने समेत छह सूत्री मांगों से अवगत करवाया।
किसान करेंगे आंदोलन
छत्तरगढ़. नहरों में सिंचाई पानी के मुद्दे को लेकर सोमवार को यहां भारतीय किसान संघ के तत्वावधान में किसानों ने एसडीएम कार्यालय समक्ष एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया तथा चार में से दो समूह में पानी देने की मांग की गई। सिंचाई पानी पूरा नहीं देने को लेकर किसानों ने सरकार खिलाफ रोष जताया। संघ अध्यक्ष अर्जुनसिंह भाटी के नेतृत्व में किसानों ने राज्य सरकार के नाम एसडीएम सीता शर्मा को ज्ञापन भी सौंपा। इस अवसर पर संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश जाजड़ा ने कहा कि किसानों को हक का पूरा पानी नहीं दिया गया तो आगामी दिनों जिला मुख्यालय पर किसान प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान रघुवीर शर्मा ने 12 दिसंबर से तीन मंे से एक समूह सिंचाई पानी के वरीयता क्रमा का विरोध कर कहा कि इसे लागू किया गया तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ज्ञापन में किसानों ने चेतावनी दी कि सिंचाई विभाग अधिकारियों को 15 दिसंबर तक दो समूह का वरीयता क्रम घोषित करने का समय दिया है यदि यह वरीयता क्रम घोषित नहीं किया गया तो आंदोलन की घोषणा की जाएगी। किसानों का आरोप है कि पोंग डेम में जल भराव पूरा होने के बावजूद प्रथम चरण की 243 से लेकर 620 हैड के बीच की नहरों को पीटा जा रहा है। इस बार किसान एकजुट होकर इंदिरा गांधी नहर परियोजना के हैडों पर कब्जा कर पानी लेने पर मजबूर होंगे।