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बीकानेर

सरकारी तंत्र की अनदेखी का शिकार हो रहा ये प्रोजेक्ट, एक दशक से विकसित होने की बाट जोह रहा

गजनेर क्षेत्र में प्रस्तावित इस वृहद औद्योगिक क्षेत्र में गजनेर राजस्व गांव नाइयों की बस्ती, बलाला में ४१६.६५ हैक्टेयर भूमि प्रस्तावित है। सरकारी अनदेखी का आलम यह है कि औद्योगिक क्षेत्र का मानचित्र तैयार कर लिया गया। राजकीय भूमि का कब्जा प्राप्त करने, लीज अनुबंध पंजीकृत करवाने, राजस्व लेखा में नामान्तरण आदि सभी कार्यवाहियां भी पूरी कर ली गई। पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद डीपीआर तैयार कराने पर आकर काम अटका पड़ा है।

बीकानेरAug 06, 2018 / 12:05 pm

dinesh kumar swami

Gajner industrial area

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हेम शर्मा
बीकानेर. संभाग मुख्यालय से ३० किलोमीटर दूरी पर प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र दस साल से सरकारी तंत्र की अनदेखी का शिकार है। गजनेर क्षेत्र में प्रस्तावित इस वृहद औद्योगिक क्षेत्र में गजनेर राजस्व गांव नाइयों की बस्ती, बलाला में ४१६.६५ हैक्टेयर भूमि प्रस्तावित है। सरकारी अनदेखी का आलम यह है कि औद्योगिक क्षेत्र का मानचित्र तैयार कर लिया गया। राजकीय भूमि का कब्जा प्राप्त करने, लीज अनुबंध पंजीकृत करवाने, राजस्व लेखा में नामान्तरण आदि सभी कार्यवाहियां भी पूरी कर ली गई। अतिक्रमण एवं सीमा विवाद से बचने के लिए भूमि के चारों और भूमि सीमा स्तम्भों का निर्माण करवाया गया। प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए कंसल्टेंट एंजेसी को काम भी दिया गया। पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद डीपीआर तैयार कराने पर आकर काम अटका पड़ा है।
यह क्षेत्र विकसित कर दिया जाए तो इलाके की तस्वीर बदल सकती है। प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र गजनेर का नियोजन में ऊन आधारित इकाईयों के लिए ७५.४८५ हैक्टेयर भूमि निर्धारित की गई। इसमें से विक्रय योग्य क्षेत्रफल ४५.१३८ हैक्टेयर रखा गया हैं। इसी तरह खनिज आधारित इकाइयों का क्षेत्रफल ९१.८९२ हैक्टेयर हैं। इसमें ५३.४६५ हैक्टेयर विक्रय योग्य क्षेत्र तथा सामान्य इकाइयों के लिए १८५.३७४ हैक्टेयर में से ११८.१२ हैक्टेयर क्षेत्र विक्रय योग्य है। विकसित आवासीय भूमि ६४.६६७ हैक्टेयर का नियोजना किया जाना है। इस औद्योगिक क्षेत्र में ५०० वर्गमीटर से ५ एकड़ क्षेत्रफल तक के कुल १०५१ औद्योगिक भूखण्ड रखे गए हैं।
यह है स्थिति
इसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है। नए गजनेर औद्योगिक क्षेत्र को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल गई है। औद्योगिक क्षेत्र गजनेर और आस-पास के क्षेत्र में भूजल दोहन की उपयुक्तता नहीं होने से पन्ना लाल बारुपाल लिफ्ट नहर से जलापूर्ति प्रस्तावित की गई है।
प्रो. धुडिया वेटरनरी कॉलेज नवानियां के डीन बने
बीकानेर. राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में पशु पोषण विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरके धूडिय़ा को पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानिया में डीन लगाया गया है। उन्होंने डीन का पद भार ग्रहण कर लिया है। प्रो. धूडिय़ा पहले विश्वविद्यालय में निदेशक प्रसार शिक्षा, समन्वय जन सम्पर्क प्रकोष्ष्ठ पर भी काम कर चुके हैं।
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