सज-धज कर पहुंची प्रतिमाएं जूनागढ पहुंची गणगौर प्रतिमाएं सज धज कर पहुंची। पारम्परिक आभूषणों और वस्त्रों के साथ प्रतिमाओं को आकर्षक ढंग से सजाया गया। दुल्हन, परी, राजस्थानी महिला के साथ आधुनिक स्वरुप में गवर की प्रतिमाओं को शृंगारित कर मेले में लाया गया। वहीं राजस्थानी पाग, पगड़ी और साफा, अचकन पहने ईसर की प्रतिमाएं सभी को आकर्षित करते रहे।
जगह-जगह पूजन, गीत-नृत्य के आयोजन बारहमासा गणगौर पूजन उत्सव में मंगलवार को घरो के बाहर चौक-चौराहों, गली-मोहल्लों और पाटों-चौकियों पर गणगौर प्रतिमाओं को विराजित कर उनका पूजन किया गया। बालिकाओं-महिलाओं ने पारम्परिक गीत-नृत्य प्रस्तुत किए। घरों में गणगौर गीत गाए गए। पुरुष मंडलियों ने कई स्थानों पर गणगौर गीतों की प्रस्तुतियां दी। बारहगुवाड़ में गणगौर का मेला लगा।