यूजीसी के दिशा-निर्देशों और सुप्रिम कोर्ट के निर्णय की पालना में विश्वविद्यालय-महाविद्यालयों की अंतिम वर्ष की शेष परीक्षाएं 30 सितम्बर तक आयोजित होनी है। इसके लिए संदर्भित पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालयों को निर्देशित कर दिया गया है। शासन सचिव के अनुसार पंचायत चुनाव को लेकर विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के भवनों, परिसरों को चुनाव के लिए अधिग्रहित नहीं किया जाए। पत्र में विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों के स्टाफ को पंचायत चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने के लिए कहा है ताकि सुप्रिम कोर्ट के निर्णय की पालना में परीक्षाएं निर्बाध रूप से सम्पन्न करवाई जा सके।
निर्वाचन कार्यो के लिए प्रतिनियुक्ति नहीं
पंचायत चुनावों को लेकर गठित विभिन्न प्रकोष्ठों में निर्वाचन कार्यो के लिए प्रधानाचार्य एवं स्कूल व्याख्याता की प्रतिनियुक्ति नहीं की जाएगी। चुनाव को लेकर गठित नियुक्ति प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारी अजीत सिंह ने विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रभारी अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया है कि पंचायत चुनाव 2020 के लिए प्रतिनियुक्त कार्मिकों क सूची देखने पर ज्ञात हुआ है कि जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेशों की अनदेखी कर प्रधानाचार्य एवं स्कूल व्याख्याता की प्रतिनियुक्ति की जा रही है।
नियुक्ति प्रकोष्ठ प्रभारी अधिकारी ने निर्वाचन कार्यो के लिए प्रधानाचार्य एवं स्कूल व्याख्याता की प्रतिनियुक्त नहीं करने के निर्देश देते हुए कहा है कि यदि प्रकोष्ठ में किसी कार्मिक की मतदान दल में ड्यूटी आती है तो उन कार्मिकों को ड्यूटी देने के लिए पाबंद करें तथा जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेशों की पालना सुनिश्चित की जाए।