scriptसफेद सोने का काला कारोबार : अवैध जिप्सम खनन की भेंट चढ़ा रोजगार | Illegal mining in bikaner | Patrika News
बीकानेर

सफेद सोने का काला कारोबार : अवैध जिप्सम खनन की भेंट चढ़ा रोजगार

पीओपी की 550 फैक्ट्रियां बंद, हजारों मजदूर बेरोजगार

बीकानेरSep 11, 2017 / 09:57 am

अनुश्री जोशी

Illegal mining in bikaner
जिले में अवैध जिप्सम खनन और माफिया, प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) के कारोबार को लील गया है। आठ-दस साल पहले तक जिलेभर में करीब 850 से अधिक पीओपी की फैक्ट्रियां चलती थी। वहीं अब यह संख्या 300 से भी कम रह गई है। फैक्ट्रियों के बंद होने से हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गए। सरकार को भी करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। इतना बड़ा कारोबार जिप्सम माफिया और पुलिस के कुछ भ्रष्ट कार्मिकों की मिलीभगत से चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है।
तीस टन से एक महीने काम
पीओपी की एक फैक्ट्री को महीनेभर संचालित करने के लिए 30 से 40 टन कच्चे जिप्सम की जरूरत होती है। जिप्सम के अवैध खनन के चलते फैक्ट्रियों को जिप्सत नहीं मिल रहा। फैक्ट्रियों में काम नहीं होने से श्रमिक खाली बैठे रहते हैं, जबकि फैक्ट्री मालिक को फैक्ट्री लगाने के लिए लाखों रुपए का निवेश करना पड़ता है। ऐसे में मालिकों ने धीरे-धीरे फैक्ट्रियां ही बंद करना शुरू कर दिया है। पिछले पांच छह साल में जिलेभर में करीब 550 पीओपी फैक्ट्रियां बंद हो गई। चलने वाली फैक्ट्रियों को भी मांग के अनुरूप जिप्सम नहीं मिल रहा है।
एक फैक्ट्री में 80-100 श्रमिक
पीओपी की एक फैक्ट्री में माल तैयार करने से लोडिंग-अनलोडिंग तक 80-100 श्रमिक काम करते हैं। 550 फैक्ट्रियां बंद होने से 5500 से 6000 श्रमिक बेरोजगार हो गए। एक श्रमिक पर पर परिवार के चार सदस्यों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी होती है।
सरकार को मिल रहे थे करोड़ों
जिलेभर में जब 850 फैक्ट्रियां संचालित थी, तब पीओपी फैक्ट्र मालिक आरएमएमएस के मार्फत जिप्सम खरीद रहे थे। इससे सरकार को हर माह करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा था। बाद में जिप्सम का अवैध खनन होने से फैक्ट्रियों को माल और सरकार को राजस्व मिलना बंद हो गया। सीधा-सीधा करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया।
यहां पीओपी फैक्ट्रियां
दंतौर, तंवरवाला, जैमलसर, नाल, शोभासर, बीछवाल, खारा, सियासर चौगान, खाजूवाला, खारी, सांखला फांटा, माधोगढ़।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो