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बीकानेर

#sehatsudharosarkar : त्यौहार में मिठाई खाना पड़ सकता है सेहत पर भारी

बीकानेर शहर ही नहीं, जिलेभर में त्योहारी सीजन के दौरान भारी मात्रा में नकली व दूषित मावा, मिठाइयां व अन्य सामग्री स्वास्थ्य विभाग नष्ट कराता है।

बीकानेरSep 16, 2017 / 02:54 pm

अनुश्री जोशी

impure sweets give bad effect on health
त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ ही मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं और सस्ती मिठाइयां बेचकर ज्यादा
मुनाफा कमाने के चक्कर में आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं, लेकिन मिठाइयों व अन्य खाद्य सामग्री की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास अधिकारी ही नहीं हैं। पिछले दिनों बीकानेर में नकली घी बनाने की दो फैक्ट्रियां पकड़ी गई थी, जिनमें कई टन तैयार माल बरामद हुआ था।
इन फैक्ट्रियों से प्रदेशभर में घी सप्लाई किया जा रहा था। इसके बाद प्रदेशभर से नकली घी पकड़ा गया था। एकबारगी युद्धस्तर पर चली पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई अब सुस्त पड़ गई है। ऐसे में मिलावटखोर फिर गोरखधंधा शुरू कर सकते हैं।
बीकानेर शहर ही नहीं, जिलेभर में त्योहारी सीजन के दौरान भारी मात्रा में नकली व दूषित मावा, मिठाइयां व अन्य सामग्री स्वास्थ्य विभाग नष्ट कराता है। पिछले साल भी करीब दो-तीन क्विंटल मावा नष्ट कराया गया था।
इस बार मिठाइयों की दुकानों की जांच का मामला ठंडे बस्ते में नजर आ रहा है, क्योंकि विभाग के पास पर्याप्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं हैं।
10फीसदी बढ़ती है डिमांड
बीकानेर में श्राद्धपक्ष से दीपावली तक त्योहारी सीजन में मिठाइयों की खपत १० से १५ फीसदी बढ़ जाती है। ऐसे में मिठाइयों को आकर्षक बनाने के लिए रंगों का इस्तेमाल होता है, वहीं चीनी भी अधिक होती है। यह मिठाइयां सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। देशी घी के नाम पर पॉम ऑयल से तैयार नकली घी की मिठाइयां तैयार की जाती हैं। मिठाइयों में नकली घी से लेकर नकली मावा, सिथेंटिक रंग, दूध, पॉम आयल का जमकर इस्तेमाल होता है।
दोनों सेवानिवृत्त
स्वास्थ्य विभाग में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी है। पहले दो खाद्य सुरक्षा अधिकारी थे, जिनमें से एक पहले और दूसरे पिछले महीने सेवानिवृत्त हो गए। अब विभाग के पास कोई खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं हैं। ऐसे में खाद्य सामग्री की जांच रामभरोसे हैं। शहर में मिठाई की 10 से 15 हजार दुकानें हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी के चलते सभी दुकानों का निरीक्षण भी नहीं हो पाता है।
नहीं पहुंचते
नकली मिठाइयों का काम करने वाले कारोबारियों में खाद्य सुरक्षा कानून का खौफ नहीं है। इसकी वजह है कि स्वास्थ्य विभाग शहर में खाद्य पदार्थों की जांच करने के लिए पहुंचता ही नहीं है। केवल होली-दीपावली पर स्वास्थ्य विभाग मिलावट के खिलाफ अभियान चलाकर खानापूर्ति कर लेता है।
सोमवार से अभियान
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी है। इसके चलते नियमित जांचें नहीं हो पा रही है। सोमवार से अभियान चलाकर अस्थाई मिठाई की दुकानों में बेची जाने वाली खाद्य सामग्र की जांच की जाएगी।
डॉ. देवेन्द्र चौधरी, सीएमएचओ
कलर हानिकारक

मिठाइयों में डाला जाने वाला कलर हानिकारक होता है, जिससे पेट संबंधी बीमारियां होती है। संभवतया मिठाइयों में डाले जाने वाले कलर में हाइड्रोकार्बन होने से कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। गुणवत्ताहीन मिठाइयां खाने से गुर्दा, लीवर को भी नुकसान पहुंचता है।
डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा, फिजिशियन, पीबीएम अस्पताल
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