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बीकानेर

स्वदेशी सैन्य उपकरणों से बढ़ रही भारतीय सेना की ताकत

Bikaner News: मेक इन इंडिया के तहत हल्के विस्फोटक ले जाने वाले ड्रोन तैयार

बीकानेरAug 13, 2022 / 03:12 pm

dinesh kumar swami

स्वदेशी सैन्य उपकरणों से बढ़ रही भारतीय सेना की ताकत

स्वदेशी सैन्य उपकरणों से बढ़ रही भारतीय सेना की ताकत

दिनेश कुमार स्वामी

बीकानेर. स्वदेशी सैन्य उपकरणों के देश में बनना शुरू होने के साथ भारतीय सेना की ताकत कई गुणा बढ़ गई है। इसमें स्वदेशी ड्रोन, वजन ले जाने में सक्षम आधुनिक ड्रोन, ग्रीन एनर्जी के तहत बिना जेनरेटर के सैन्य सर्विलांस उपकरणों का संचालन और सैनिक के पास युद्ध के दौरान आवश्यक सामान में कई नई चीजें जुड़ी हैं। भारतीय सेना की ओर से महाजन में सैन्य हथियारों, टैंकों, राइफलों, सैनिक के साजोसामान के साथ देश में निर्मित उपकरणों का प्रदर्शन भी किया गया। जो दुश्मन को नेस्तानाबूत करने के लिए भारतीय सेना की बढ़ती ताकत का संकेत दे रहे हैं।
रिमोट चलित विस्फोटक डिफ्यूज व्हीकल

भारतीय सेना ने ओमान के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास में पहली रिमोट ऑपरेटिव व्हीकल (आरओबी) का लाइव प्रदर्शन किया। एक विस्फोटक को इस रिमोट चलित वाहन से डिफ्यूज करने का प्रदर्शन किया गया। अभी तक सेना का बम निरोधक दस्ता यह काम करता था, जिसमें जोखिम ज्यादा था। अब मानव रहित रिमोट चलित व्हीकल, जो एक तरह से रोबोट की तरह काम करता है, उसका उपयोग किया जा रहा है।
छोटा सिलेण्डर और फोल्डिंग सीढ़ी

युद्ध क्षेत्र में जाने वाले सैनिक के पास राइफल और हथियार के साथ कई आपातकालीन काम आने वाले उपकरण होते हैं। इनमें साढ़े चार सौ ग्राम एलपीजी गैस वाला सिलेण्डर व चूल्हा भी है। जिस पर सैनिक खाना पका सकता है। साथ ही एक फोल्डिंग और हल्के धातु की बनी सीढ़ी भी है, जिसे खोलकर वह दस-बारह फीट की ऊंचाई तक चढ़ सकता है।
ग्रीन एनर्जी बनी जेनरेटर का विकल्प

सेना के साजो सामान में पहले बड़े, मध्यम और छोटे जेनरेटर रहते थे, जिससे वह अपने सर्विलांस उपकरणों को ऑपरेट करते हैं। अब सेना के पास महज पन्द्रह किलो वजन का ग्रीन एनर्जी आधारित बिजली उत्पादन यंत्र भी है। रोहन टेक्नोलॉजी की ओर से मेक इन इंडिया के तहत इसका उत्पादन कर सेना के स्टेज एक से तीन तक के विद्युत चलित उपकरणों का सफल ट्रायल किया जा चुका है। इसमें एलपीजी चलित ऊर्जा उत्पादक यंत्र में पांच किलो का सिलेण्डर और पांच किलो के कन्वर्टर के साथ पांच किलो के अन्य उपकरण हैं। इन्हीं उपकरणों में सिलेण्डर की जगह सोलर प्लेट जोड़कर सोलर ऊर्जा का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही पवन ऊर्जा का यंत्र जोड़कर भी बिजली बना सकते हैं। पवन, सौर और गैस तीनों के सामान का वजन भी बहुत कम है।
आधुनिक हेक्सा रोटर यूएवी

भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) सेना के लिए सैन्य उपकरणों का देश में निर्माण कर रही है। इसने स्वदेशी ड्रोन हेक्सा रोटर यूएवी बनाया है। ड्रोन के साथ भेजने के लिए 1100 ग्राम और 1300 ग्राम वजन के मिसाइल भी बनाए हैं। ड्रोन 45 किलोमीटर तक रेंज कवर करता है। महाजन में युद्धाभ्यास के दौरान इस ड्रोन से निगरानी का प्रदर्शन भी किया गया।
स्वदेशी मिसाइल व राउंड

– बीडीएल ने अभी अलग-अलग रेंज की कई मिसाइलों का निर्माण शुरू किया है। इनमें मिलान मिसाइल फ्रांस की तकनीक की है। इसकी मारक क्षमता ढाई से तीन किलोमीटर है।
-कन्कूर्म मिसाइल चार किलोमीटर तक मारक क्षमता की मिसाइल है। इसी तरह इन्वार टैंक का 3 यूबीके राउंड है। लेजर गाइडेड रूस निर्मित मिसाइल है, जो पांच किलोमीटर तक रेंज कवर करती है। इसी तरह नाग मिसाइल फायर एंड फोरगेट है। निशाना लगाते ही टैंक के परखच्चे उड़ा देती है। आकाश स्पेश टू एयर मिसाइल है, जो जमीन से आसमान में ढाई किलोमीटर रेंज तक मार करती है। वरुण अस्त पनडुब्बी को तबाह करने में सक्षम है। आमोगा मिसाइल का निर्माण भी किया जाना है। यह सभी बीडीएल भारत में बना रहा है।
एन्सास की जगह आधुनिक 6 जोर राइफल

भारतीय सैनिकों के पास अभी एन्सास 5.56 राइफल रहती थी। महाजन में सैनिकों ने निशाना लगाने का प्रदर्शन आधुनिक 6 जोर राइफल से किया। यह वजन में कुछ ज्यादा लेकिन तकनीक, राउंड और निशाना साधने में एन्सास से ज्यादा बेहतर है।

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