लू-तापघात के लक्षण
चक्कर आना, शरीर गर्म हो जाना,उल्टी-दस्त होना, घबराहट होना आ रहे हैं मौसमी बीमारियों के मरीज
गर्मी बढऩे के साथ ही उल्टी-दस्त, सिरदर्द, हल्के बुखार के मरीज अस्पताल पहुंचने लगे हैं। ऐसे मरीजों को शॉर्टटर्म के लिए मौसमी वार्ड में भर्ती किया जाता है। मरीज को उपचार देने के बाद सहज होने पर उन्हें घर भेज दिया जाता है। आपातकालीन के पास मौसमी वार्ड बनाया हुआ है, जहां सभी पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, ताकि मरीजों को परेशानी न हो।
डॉ. एलए गौरी, अतिरिक्त प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष मेडिसिन पीबीएम अस्पताल
चक्कर आना, शरीर गर्म हो जाना,उल्टी-दस्त होना, घबराहट होना आ रहे हैं मौसमी बीमारियों के मरीज
गर्मी बढऩे के साथ ही उल्टी-दस्त, सिरदर्द, हल्के बुखार के मरीज अस्पताल पहुंचने लगे हैं। ऐसे मरीजों को शॉर्टटर्म के लिए मौसमी वार्ड में भर्ती किया जाता है। मरीज को उपचार देने के बाद सहज होने पर उन्हें घर भेज दिया जाता है। आपातकालीन के पास मौसमी वार्ड बनाया हुआ है, जहां सभी पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, ताकि मरीजों को परेशानी न हो।
डॉ. एलए गौरी, अतिरिक्त प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष मेडिसिन पीबीएम अस्पताल
दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे मरीज पीबीएम अस्पताल में गर्मी व दूषित जल पीने से हर दिन मरीज पहुंच रहे हैं। १३ मई को २९, १४ मई को २८, १५ मई को ३३, १६ मई को ३१, १७ मई को ३७, १८ मई को ३०, १९ मई को ६१, २० मई को २६ मरीज भर्ती हुए। जिला अस्पताल में भी हर दिन आठ से दस मरीज मौसमी बीमारी से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैं।