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बीकानेर

विदेशी प्रवासी पक्षी चले अपने वतन की ओर, वापसी के लिए बनाने लगे समूह

प्रवासी पक्षी खाने की तलाश में फ्रांस, मंगोलिया, स्पेन, रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा हिमालय आदि जगहों से यहां आते हैं।

बीकानेरMar 12, 2018 / 12:07 pm

अनुश्री जोशी

migratory birds
विदेशी प्रवासी पक्षी अब स्वदेश लौटने की तैयारी में हैं। पिछले साल अक्टूबर में यहां आए ये प्रवासी पक्षी अब समूह में एकत्र हो रहे हैं। इसके बाद ये अपने वतन के लिए उड़ान भरेंगे। कुछ प्रवासी पक्षी यहां से जा चुके हैं, जबकि कुछ प्रवासी पक्षी एक साथ हजारों मील का सफर तय करने की तैयारी में हैं।
प्रवासी पक्षी खाने की तलाश में फ्रांस, मंगोलिया, स्पेन, रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा हिमालय आदि जगहों से यहां आते हैं।सर्दियों में बीकानेर में जोड़बीड़, गजनेर, लूणकरणसर, 782 हेड, दियातरा सहित अन्य जगहों पर हजारों पक्षियों का जमावड़ा रहता है। सर्दी खत्म होने के साथ ये पक्षी अपने देश की ठंडी जगहों में प्रवास करेंगे।
छह महीने का प्रवास
प्रवासी पक्षी अक्टूबर में यहां आते हैं और करीब छह माह तक प्रवास करते हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह तक सभी प्रवासी पक्षी यहां से चले जाएंगे। प्रवासी पक्षी यहां तीन रास्तों से जाएंगे। पहला रास्ता पाकिस्तान, कजाकिस्तान, उज्केबिस्तान से रूस तक, दूसरा रास्ता राजस्थान, दिल्ली, नेपाल, चीन होकर मंगोलिया तक तथा तीसरा रास्ता राजस्थान, गुजरात, ओमान, अफ्रीका तक जाते हैं।
इन प्रजातियों के पक्षी आते हैं
ब्लेकहेडेड, लिटिल फ्लोवर, स्पूनविल, फॉरमेंट, कॉमनकूट, कॉमनटेल, पोचार्ड, सावलर, सेलटक, स्टेपी इग्ल, सिकारा, डारटर, इंडियन स्कीमथ, वारडर्स आदि प्रजातियों के पक्षी यहां प्रवास के लिए आते हैं। इनमें 700 यूरेशियन ग्रीफॉन, 225 हिमालियन ग्रीफॉन, 25 से 30 सिनेरियस वल्चर, 350 स्टेपी ईगल अभी यहीं हैं।
विलुप्त प्राय: प्रजातियां
यहां प्रवास के दौरान विलुप्त प्राय: प्रजातियां भी आती हैं। इनमें ग्रीन कॉरशर, सोशेबल लेपविंग, इंडियन वल्चर, किंग वल्चर, वाइटरंपड वल्चर, लॉगलेप बजर्ड, इस्टन इम्पीरियल ईगल, ब्लैकविंग स्टिल्ड, पेलिकन, बारहेडेड ग्रुज, पिन्टेल, बोडवेल आदि हैं।
वल्चर जोड़बीड़ में मौजूद

मार्च तक प्रवासी पक्षी यहां से चले जाते हैं। अब तक ५० प्रतिशत प्रवासी पक्षी जा चुके है। अभी तक बड़ी संख्या में वल्चर जोड़बीड़ में मौजूद हैं।
डॉ. दाउलाल बोहरा, पक्षी विशेषज्ञ
लौटने की तैयारी

ये प्रवासी पक्षी एक साथ इकट्ठे होकर अपने वतन की दिशा वाली हवा के साथ लौटने की तैयारी कर रहे हैं। यहां गर्मी हाने से प्रवासी पक्षी जा रहे हैं।
डॉ. अनिलकुमार छंगाणी, विभागाध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान एमजीएसयू

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