मुख्य अतिथि उज्जैन के शायर मुनव्वर अली ताज ने अपनी गजल ‘न इकरार होगा, न इनकार होगा, नजर जब मिलेगी प्यार होगा’ पेश की। शायर कासिम बीकानेरी ने ‘ आग सीने में सुलगती हुई जो है रखते ’ प्रस्तुत की। काव्यगोष्ठी में पटियाला की सुर्कीति भटनाकर, कानपुर की शायर मोहे तिलत सिद्दकी, उतराखण्ड के कवि डॉ. महेन्द्र प्रताप पाण्डें, अहमदाबाद गुजरात की गीतकार श्रीमती मधु प्रसाद, शायर अब्दुल समद राही, कवि जुगल किशोर, कोटा की कवियत्री डॉ. लीला मोदी, दिल्ली कि साहित्यकार विजय लक्ष्मी ‘विजया’, जयपुर की साहित्यकार अभिलाषा पारीक आदि ने उर्दू, हिन्दी और राजस्थानी में रचनाओं की प्रस्तुतियां दी। ई तकनीक का संचालन सुमित रंगा ने किया और आभार हरिनारायण आचार्य ने ज्ञापित किया।