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बीकानेर

‘न इकरार होगा, न इनकार होगा, नजर जब मिलेगी प्यार होगा’

ओळू समारोह के तीसरे दिन बहुभाषा काव्य गोष्ठी का आयोजन

बीकानेरDec 14, 2020 / 11:21 pm

Vimal

‘न इकरार होगा, न इनकार होगा, नजर जब मिलेगी प्यार होगा’

‘न इकरार होगा, न इनकार होगा, नजर जब मिलेगी प्यार होगा’

बीकानेर. राजस्थानी पुरोधा डॉ. एल पी टैस्सीटोरी की 133 वीं जयंती पर आयोजित ओळू समारोह के तीसरे दिन सोमवार को बहुभाषा राष्ट्रीय स्तरीय काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। प्रज्ञालय संस्थान और राजस्थानी युवा लेखक संघ की ओर से आयोजित समारोह में हुई ई – काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि कविता हमेशा मानवीय चेतना की पैरोकार रही है, साथ ही कविता समय के सत्य का उद्घाटित करते हुए अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करती रही है।

मुख्य अतिथि उज्जैन के शायर मुनव्वर अली ताज ने अपनी गजल ‘न इकरार होगा, न इनकार होगा, नजर जब मिलेगी प्यार होगा’ पेश की। शायर कासिम बीकानेरी ने ‘ आग सीने में सुलगती हुई जो है रखते ’ प्रस्तुत की। काव्यगोष्ठी में पटियाला की सुर्कीति भटनाकर, कानपुर की शायर मोहे तिलत सिद्दकी, उतराखण्ड के कवि डॉ. महेन्द्र प्रताप पाण्डें, अहमदाबाद गुजरात की गीतकार श्रीमती मधु प्रसाद, शायर अब्दुल समद राही, कवि जुगल किशोर, कोटा की कवियत्री डॉ. लीला मोदी, दिल्ली कि साहित्यकार विजय लक्ष्मी ‘विजया’, जयपुर की साहित्यकार अभिलाषा पारीक आदि ने उर्दू, हिन्दी और राजस्थानी में रचनाओं की प्रस्तुतियां दी। ई तकनीक का संचालन सुमित रंगा ने किया और आभार हरिनारायण आचार्य ने ज्ञापित किया।

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