सफाई कर्मियों, श्रमिकों के रामदेवरा मेले में जाने का असर शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ रहा है। सफाई और कचरा उठाने के निगम के वैकल्पिक प्रयास नजर नहीं आ रहे है। गुरुवार को भी शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे रहे। अनुबंधित फर्म के टै्रक्टर कचरा उठाते नजर नहीं आए।
बैठे रहे अधिकारी
हर वर्ष रामदेवरा मेले पर सफाई कार्य से जुडे़ कर्मचारी और श्रमिक दर्शन-पूजन के लिए जाते है। निगम अधिकारियों को मालूम था कि इस बार भी कर्मचारी अवकाश पर जाएंगे, लेकिन अधिकारी हाथ पर हाथ धर बैठे रहे। शहर की सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था के कोई प्रबंध नहीं किए।
गली-मोहल्लों से लेकर कॉलोनियों तक सड़ांध मार रहे मार्गों की बदहाल स्थिति होने का इंतजार अधिकारी करते रहे, जबकि सफाई व्यवस्था पटरी से पूरी तरह उतर चुकी है। तब महज दिखावे के लिए अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को अधीनस्थ कर्मचारियों पर डालने का प्रयास कर रहे है।
सीवर सफाई भी प्रभावित एक ओर जहां शहर की सफाई का कार्य लगभग ठप हो चुका है वहीं दूसरी ओर कचरा परिवहन कार्य के लिए निगम से अनुबंधित ट्रैक्टर ठेकेदार फर्म के ट्रैक्टरों से भी कचरा उठाने का पूरा कार्य नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री की गौरवयात्रा को लेकर जिस जोरशोर के साथ गोधे पकडऩे का काम चल रहा था, वह भी लगभग ठप सा पड़ा है। सीवरेज सफाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है। निगम ने अपने स्तर पर तीन ट्रैक्टर, ५ डम्परों से कुछ स्थानों पर कचरा उठाना शुरु किया जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
जगह-जगह दिख रहे कचरे के ढेर
शहर में पूरी तरह पटरी उतर चुकी सफाई व्यवस्था का आलम यह है कि गली, मोहल्लों से लेकर कॉलोनियों, कच्ची बस्तियों तक में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए है। बदबू, गंदगी से लोग परेशान है। कचरा संग्रहण केंद्र पर कचरे का ढेर बढ़ रहे है। कचरे, गंदगी के कारण कई मार्गों से निकलना दूभर हो रहा है। निगम उपलब्ध कर्मचारियों से महज बाजारों से कचरा उठवाने और सफाई का कार्य ही करवा पा रहा है।