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बीकानेर

पीपीपी मोड का विरोध, जिले के इन चार स्कूलों पर जड़े ताले

तीन अन्य स्कूलों में भी तालाबंदी कराने का आह्वान समिति के पदाधिकारियों ने किया है।

बीकानेरJan 09, 2018 / 09:55 am

अनुश्री जोशी

 PPP mode
राजकीय विद्यालयों को पीपीपी मोड के तहत निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ बीकानेर से बिगुल बजा दिया गया है। सोमवार को जिले में चार स्कूल में अनिश्चितकालीन तालाबंदी की गई। शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में ग्रामीणों ने रायसर, सांईसर, हाफासर व बाना गांव में स्कूलों के ताले जड़कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
समिति के पदाधिकारियों ने गांवों में पहुंचकर तालाबंदी कराई। मंगलवार को तीन अन्य स्कूलों में भी तालाबंदी कराने का आह्वान समिति के पदाधिकारियों ने किया है। पीपीपी मोड पर जिले के सात स्कूलों को दिया गया है। इसमें नोखा के मान्यणा, कक्कू और चाचा नेहरू स्कूल में मंगलवार को तालाबंदी कराने का आह्वान किया गया है।
इनकी रही भागीदारी
सोमवार को स्कूलों की तालाबंदी में जिला परिषद सदस्य, सरपंचों, ग्रामीणों व छात्रों ने भागीदारी निभाई। राजकीय माध्यमिक विद्यालय हाफासर के सरपंच भंवरलाल ने विद्यालय पर तालाबंदी की। राजकीय माध्यमिक विद्यालय रायसर में पूर्व सरपंच नारायण सिंह ने रोष जताते हुए कहा कि सरकार ने पीपीपी मोड पर स्कूल को देने से पूर्व किसी से भी पूछना मुनासिब नहीं समझा। सांईसर के सरपंच राजाराम, भंवर नैण ने सांइसर के विद्यालय पर ताला लगाकर विरोध किया। बाना गांव में सरपंच हीराम बाना, लुणाराम, कोडाराम भादू ने स्कूल के ताला लगवाया।
शिक्षक नेताओं का समर्थन
बीकानेर में शिक्षक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने तालाबंदी का समर्थन किया। सोमवार को बीकानेर से गुरुचरण सिंह मान गांवों में पहुंचे। वहीं किशोर पुरोहित, धूमल भाटी, मोडाराम कडेल, श्रवण पुरोहित, बनवारी शर्मा, अशोक तंवर, आनंद पारीक आदि ने पीपीपी मोड का विरोध करते हुए तालाबंदी का समर्थन किया।
भामाशाहों की अनदेखी
राज्य सरकार उन सरकारी स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने की मंशा रखती है, जो आर्थिक सकंट से जूझ रहे हैं लेकिन बीकानेर जिले में स्थिति विपरीत बताई जा रही है। जिन स्कूल को पीपीपी मोड में शामिल किया गया है, उन स्कूल में व्यवस्थाओं का जिम्मा भामाशाहों ने उठा रखा है।
इसमें नोखा की चाचा नेहरू स्कूल ऐसी है, जिसमें बीते साल एक भामाशाह ने 47 लाख रुपए का आर्थिक सहयोग किया। इसी स्कूल में इस साल भी एक भामाशाह ने साढ़े सात लाख रुपए की लागत से टीनशैड बनाने की घोषणा कर रखी है। यही नहीं हाफासर, बाना, रायसर की स्कूलों में भी दरिया, फर्नीचर, कूलर-पंखे की व्यवस्था के साथ ही कमरों का निर्माण भी भामाशाहों के सहयोग से हुआ है।
चौथा है स्थान
शिक्षक नेता गुरुचरण सिंह मान ने रोष जताते हुए कहा कि सरकार उस समय सरकारी स्कूल को पीपीपी मोड पर देने पर आमदा हो गई है, जब शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश चौथे स्थान पर आ गया है, पूर्व में प्रदेश 24 वें स्थान पर था। बीकानेर में जिन स्कूलों को पीपीपी मोड पर दिया जा रहा है, उनको भामाशाहों की मदद से बेहतर ढंग से संचालित किया जा रहा है।
बर्दाश्त नहीं करेंगे
जब स्कूल इतने सुदृर्ढ स्थित में है। नामाकंन भी है। व्यवस्थाएं माकूल हैं। भामाशाह सहयोग के लिए आगे खड़े हैं, इसके बावजूद सरकार इन स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने पर आमदा है, इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए तालाबंदी जारी रहेगी।
ओमप्रकाश तर्ड, सदस्य, जिला परिषद

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