जबकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के बावजूद इलाके में वाहनों का बिना कवर किए परिवहन किया जा रहा है। फिर भी विभाग बिना ढके मिट्टी व बजरी ढोने वाले वाहनों पर कार्रवाई करने में शिथिलता बरत रहा है। हालांकि विभाग की ओर से लगातार कार्रवाई करने का दावा किया जा रहा है। गौरतलब है कि बिना ढकी सामग्री वाहनों से सड़क पर गिरने से दुपहिया चालकों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर एनजीटी ने ऐसे्वा हनों पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन वाहनों की जांच में लगे अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है।
इन गांवों से निकलते वाहन
कोलायत तहसील क्षेत्र के डेह, गुड़ा, इन्दों का बाला, चानी, मढ, कोटड़ी , मोटावता, गंगापुरा, समोरखी, खारी चारणान और सांखला समेत आधा दर्जन गांवों में रोजाना ट्रक व ट्रेलर बिना ढके मिट्टी व बजरी ले जाते देखे जा सकते हैं। इन खदानों से मिट्टी, बजरी भरने के बाद वे संबंधित धर्मकांटों तक वजन व उससे आगे भी बिना ढके ही परिवहन कर रहे हैं। यहां से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर सहित गुजरात व महाराष्ट्र समेत अन्य स्थानों पर वॉलक्ले को भेजा जाता है। इन गांवों से रोजाना खाली व भरे 100 से अधिक वाहनों का आवागमन होता है। इस दौरान बजरी व धूल उड़ कर पीछे व आसपास चलने वाले वाहन चालकों की आंखों में गिरने से चालक संतुलन खो बैठता है।
सड़क होती अवरूद्ध
कपिल सरोवर धार्मिक स्थल होने के कारण यहां लोगों का आवागमन रहता है, लेकिन टेचरी फांटा और कोलायत आने वाली सड़क के ऊपर बजरी के ट्रकों से बड़ी मात्रा में बजरी गिरने से सड़क अवरुद्ध हो जाती है और इस सड़क पर आए दिन बाइक सवारों के फिसलने से हादसे होते रहते हैं। फिर भी स्थानीय प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं। समाज सेवी दलीप सिंह ने सोमवार को मुख्य शासन सचिव को जयपुर पत्र भेजकर ओवरलोड व बिना तिरपाल से ढके ट्रकों पर कार्रवाई करने की मांग की है उन्होंने बताया कि खनन विभाग व परिवहन विभाग की ओर से नियम विरुद्ध ट्रकों का संचालन होने पर भी चालान व जुर्माने की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कार्रवाई की जाती है
ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे वाहनों का तुरंत चालान किया जाता है।
भारती नथानी, डीटीओ, बीकानेर