पीबीएम अस्पताल में चिकित्सक की लिखी औसत पांच में से दो ही दवा नि:शुल्क मिलती है। कुछ पर्ची पर तो शतप्रतिशत दवा नहीं मिलती। कस्बों और उपखण्ड मुख्यालयों के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तो हालात ज्यादा खराब हैं। वहां तो जुकाम-खांसी, बुखार को छोड़कर शेष दवा मिलती ही नहीं।
पीबीएम अस्पताल के आंख, नाक व कान और चर्म व रति रोग विभाग के पास नि:शुल्क दवा केन्द्र पर दवाओं के लिए चार बाहर परिसर में एवं एक अंदर दवा केन्द्र हैं। बाहर वाले दवा केन्द्र में से एक अवकाश के चलते बंद रहता है, जबकि तीन रोजाना खुलते हैं। तीनों ही स्थानों पर लंबी कतारें लगी रहती हैं।
चिकित्सक भी स्वीकार कर रहे हैं कि दवा उपलब्ध नहीं हो रही। अगर दवा न मिले तो मरीज की मर्जी है कि वह बाहर से खरीदे। चिकित्सक नि:शुल्क दवा केन्द्र की दवा लिख रहे हैं और नही मिलने पर यह भी कहने से नहीं चूक रहे कि हम क्या करें।
कैप्सूल पेंटाप्राजोज +डोपपेरीडॉन (भूखे पेट), मल्टीविटामिन (ताकत), सीरप लैक्टुलोस (कब्ज की दवा), क्लोरडाईजेपोराइड (नींद न आना व चिड़चिड़ापन), टेबलेट ऐमिट्रिप्टिलाइन, कैल्शियम +विटामिन डी-३, डाई एक्जोल, आई ऑक्जोल (कॉन्ट्रास्ट) इंजेक्शन, सिट्राजीन, आईब्यूप्रोफेन।
ओपीडी 6000-6500
भर्ती 200-250
डीडीसी 27
एमएनडीवाई में दवा 821
पीबीएम में उपलब्ध 477
सर्जीकल आइटम 50
सूचर 16
दवाइयां कम 45
टेस्टिंग में दवाइयां 115 दूसरी दवा दे रहे
45 दवाइयां शॉर्ट चल रही हैं। आई एक्जोल की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ दवाइयां कम हैं, लेकिन
उनकी जगह समतुल्य दूसरी दवा दी जा रही है।
डॉ. गौरीशंकर जोशी, प्रभारी, ड्रग वेयर हाउस एसपी मेडिकल कॉलेज