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बीकानेर

पेयजल किल्लत के कारण लोगों को रहना पड़ रहा प्यासा

पेयजल किल्लत के कारण ग्रामीणों को प्यासा रहना पड़ता है। पाइप लाइन में अवैध कनेक्शन होने से आधा ही पानी पहुंच रहा हैं।

बीकानेरNov 12, 2017 / 01:42 pm

dinesh kumar swami

Drinking water crisis

पेयजल किल्लत

मंडी 465 आरडी. रामनगर गांव में पेयजल किल्लत के कारण ग्रामीणों को प्यासा रहना पड़ता है। गांव के ओमप्रकाश मूंड ने बताया कि गांव में पेयजल डिग्गी बनी है। इसमें दामोलाई से पानी की आपूर्ति होती हैं लेकिन पाइप लाइन पुरानी तथा जर्जर होने से पानी पूरा नहीं पहुंच पाता है। इस पाइप लाइन में अवैध कनेक्शन होने से आधा ही पानी पहुंच रहा हैं।
उधर, सरपंच नरेश कुमार ने बताया कि पाइप लाइन जर्जर होने से आए दिन गांव में पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बारह किमी लम्बी पाइप लाइन खेतों से गुजरती है तथा बुआई के कारण कई स्थानों पर टूट चुकी हैं। इस बारे जलदाय विभाग के अधिकारियों को इस बारे में कई बार अवगत करवाया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नही हुईं है।
ग्रामीण परेशान
महाजन. कस्बे व शेरपुरा ग्राम पंचायत की ढाणी छिल्लां में पेेयजल संकट गहराने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ढाणी छिल्लां के बाबूलाल सियाग ने बताया कि ढाणी में बना ट्यूबवैल एक माह से बन्द है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीणों को महंगी दर पर शेरपुरा से पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे है।
जलदाय विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी कोई सुध नहीं ली जा रही है। वहीं महाजन के वार्ड 10, 9, 14, 15 व कई अन्य मोहल्लों में गत तीन दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की आपूर्ति बन्द होने से नहर से बिना फिल्टर किया पानी मंगवाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को भी मामले की जानकारी दी है।
स्कूल में किल्लत
जैतपुर. गांव के वार्ड 12 व 13 के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पानी की आपूर्ति नहीं से विद्यार्थियों व स्टाफ को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानाध्यापक विजयसिंह ने बताया की विद्यालय में 181 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। स्कूल मंे पिछले चार माह से पानी आूपर्ति बंद है।
इससे घर से पीने का पानी लाना पडता है। पंचायत एवं जलदाय विभाग को कई बार अवगत करवाने के बाद भी समस्या जस की तस है। स्कूल में टैंकरों से जलापूर्ति करने से 300 से 400 रुपए चूकाने पड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने पेयजल समस्या का जल्द समाधान की मांग की है।

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