पुलिस अधीक्षक कार्यालय की साइबर सेल के दीपक कुमार यादव की शराब टैंकरों को पकड़वाने में अहम भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक गोदारा ने बताया कि दीपक की बदौलत ही नोखा में लूट, हत्या, शादी समारोह में चोरी करने वाली गैंग, डूंगरगढ़ बैंक में चोरी, जेएनवीसी में डकैती और नयाशहर में नकबजनी की वारदातों का खुलासा हुआ। सात राज्यों की पुलिस जिस ठग को तलाश रही है, उसे दीपक की मदद से हिमाचल में पकड़ा जा सका।
सिंह के अनुसार सिपाही रामकुमार भादू को मुखबिर से मिली सूचना पर यह कार्रवाई की गई। भादू ने नाल थाने में रहते हुए अब तक शराब का अवैध परिवहन करने वाली २० गाडिय़ों को जब्त कराया है। इनमें से २२ हजार १४६ पेटी शराब की मिली थी और २५ आरोपितों को गिरफ्तार किया गयर। जब्त शराब की कीमत करीब १२ करोड़ २८ लाख रुपए आंकी गई है।
पुलिस विभाग का मुखबिर तंत्र अब कमजोर होता जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह प्रोत्साहन राशि कम और खतरा अधिक होना है। सरकार की ओर से मुखबिर को प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिल पाती है। नाल थाने में जब्त किए गए
२० ट्रकों में से ९ गाडिय़ों की मुखबिरी प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं मिली है।
टैंकर चालकों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे टैंकर अंबाला से लाए और बाप (जोधपुर) ले जा रहे थे। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि अंबाला से शराब से भरे टैंकर किसने दिए और बाप में किसने मंगवाए थे। पुलिस के अनुसार एक टैंकर में अंग्रेजी शराब के १२९० कार्टन और दूसरे में अंग्रेजी शराब व बीयर के करीब ९०० कार्टन भरे हुए थे। जब्त शराब और बीयर की बाजार कीमत करीब एक करोड़ रुपए से अधिक है। कार्रवाई एएसआइ बूटासिंह, एएसआई भगवानाराम, हैडकांस्टेबल रूपाराम, कांस्टेबल रामकुमार भादू, संदीप, रामप्रताप, बाबूसिंह, राजेन्द्र, कृष्ण ने शोभासर ने की।
मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कस रखा है। शराब तस्कर हर दिन नए तरीके अपना रहे हैं, लेकिन पुलिस भी हाईटेक है। तस्करों का पुलिस से बच पाना मुश्किल है।
सवाईसिंह गोदारा, पुलिस अधीक्षक