पुलिस सूत्रों के अनुसार सरकार की नई नीति के तहत अब कोकीन पकड़वाने पर प्रतिकिलो के हिसाब से मुखबिर को करीब ढाई लाख रुपए और अफीम पकड़वाने पर छह से सात हजार रुपए इनाम स्वरूप दिए जा सकेंगे। कार्रवाई को अंजाम देने वाली एजेंसी के कार्मिकों को भी पुरस्कार मिलेगा। जब्त किए गए मादक पदार्थ की गुणवत्ता और मात्रा पर इनाम की राशि निर्भर होगी।
पहले अपना तंत्र
करीब दस साल पहले तक प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को मुखबिर तंत्र के लिए अलग से बजट मिलता था। एसपी अपने स्तर पर मुखबिर रखते थे और थानाधिकारियों का अपना मुखबिरी तंत्र होता था। पुराने थानेदार बताते हैं कि थाना क्षेत्र में होने वाली हर गतिविधि पर मुखबिरों के माध्यम से नजर रखते थे। मुखबिरों को इनामी राशि बंद होने के बाद यह व्यवस्था कमजोर पड़ गई।
सराहनीय पहल
मुखबिरी तंत्र को मजबूत करने की पहल सराहनीय है। मुखबिरी तंत्र मजबूत होने से अपराधों पर लगाम लगेगी। साथ ही अपराधियों को पकडऩे में मदद मिलेगी।
सवाईसिंह गोदारा, पुलिस अधीक्षक
पशुधन और कुक्कुट प्रबंधन से बढ़ेगी आय
बीकानेर. राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान वि.वि. में में कृषकों की आय वृद्धि के लिए पशुधन एवं कुक्कुट विविधता विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन तकनीकी सत्रों में वैज्ञानिकों ने अनुसंधान कार्यों के चार शोध प्रस्तुत किए गए।
कामधेनू वि.वि. गुजरात के कुलपति प्रो. पी.एच. वाटलिया ने ‘पोटेन्शियल जिनोमिक सलेक्शन इन इन्डीजीनस केटल ब्रीड’ विषय पर अनुसंधान नतीजों की जानकारी दी। डॉ. एम.एस. चौहान ने भारतीय पशुधन के संरक्षण के लिए उन्नत प्रजनन तकनीकी विषय पर और डॉ. आर.एस. कटारिया ने भारतीय भैंसों में आनुवांशिकी विविधिकरण की आणविक उपकरणों से किये गए अनुसंधान कार्य की जानकारी दी।
डॉ. पी. कुमारासामी ने भारतीय पशुधन संपदा की उत्पादकता बढ़ाने के लिए बॉयोइन्फरमेटिक्स तकनीक के उपयोग पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। तकनीकी सत्र में डॉ. रवीन्द्र सिंह, डॉ. कृतिका गहलोत और डॉ. सुनीता मीना ने अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत किया। प्रो. जी.सी. गहलोत ने बताया कि सेमिनार के अंतिम दिन शनिवार को प्रात: 9 बजे वेटरनरी ऑडिटोरियम में रणनीतिक परिचर्चा होगी।