विद्युत वोल्टेज में उतार-चढ़ाव के चलते कई बार विद्युत उपकरण फुंक जाते हैं। इस तरह की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए बीकेईसीएल कंपनी एफआरटी व संबंधित तकनीकी स्टाफ को प्रशिक्षित करेगी। कंपनी के तकनीकी हैड सौमेन मित्रा सभी तकनीकी कर्मचारियों को मौके पर ले जाकर न्यूट्रल और फेज लाइनों का भेद बताएंगे। साथ ही वोल्टेज में उतार-चढ़ाव का कारण, इससे निपटने के उपायों के बादे में बताया जाएगा। गौरतबल है कि पिछले दिनों दो-तीन स्थानों पर हाई वोल्टेज से लोगों के घरों में विद्युत उपकरण जल गए थे।
हाई वोल्टेज से विद्युत उपकरण जलने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एफआरटी व अन्य तकनीकी स्टाफ को प्रशिक्षण देकर पारंगत किया जा रहा है। ट्रेनिंग कार्यक्रम एक माह चलेगा। जिन उपभोक्ताओं के उपकरण जले हैं, उनकी मरम्मत कराने, हर्जाना भरने के लिए संबंधित ठेकेदार को निर्देश दिए हैं। वहीं फाल्ट को ढूंढने के लिए भी हाईटेक सिस्टम लागू किया जा रहा है।
डी चटर्जी, सीईओ, बीकेईसीएल
– प्रतिदिन शहर में खपत हो रही 16 लाख यूनिट बिजली।
– एक माह में हो रही 4 करोड़ 90 लाख यूनिट बिजली खपत
– गर्मी में खपत बढ़ कर 25 लाख यूनिट प्रतिदिन।
– अगस्त महीने में 7 करोड यूनिट बिजली हुई थी खर्च।
– शहर में करीब 22 हजार विद्युत पोल।
– हाई टेंशन के 8 हजार पोल।
– निजी कंपनी ने सभी खंभों पर किए नम्बर अंकित।
– एक फीडर से 50 से 60 ट्रांसफार्मर जुड़े।