कमजोर हुई मॉनिटरिंग
दो अक्टूबर से शुरू हुए अभियान की प्रदेश से लेकर संभाग और जिला स्तर पर प्रतिदिन मॉनिटरिंग की स्थिति बनी हुई थी। गत एक पखवाड़े से सतत रूप से प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं होने से अधिकारी -कर्मचारी भी पट्टे जारी करने के कार्य को अधिक गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। संबंंधित विभागों के अधिकारी भी पट्टे जारी करने को लेकर अधिक गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। न्यास और निगम में अधिकारी भी कम ही उपलब्ध हो रहे हैं।
आमजन पहुंच रहे कार्यालयों में
जिन लोगों ने पट्टे जारी करवाने के लिए आवेदन कर रखे हैं, वे प्रतिदिन निगम और न्यास कार्यालयों में पहुंच रहे हैं। पत्रावलियों की धीमी चाल और अधिकारियों-कर्मचारियों के कम उपलब्ध होने से लोग परेशान भी हो रहे हैं। हालांकि निगम और न्यास पट्टे जारी करने के लिए आवेदन ले रहे हैं और पट्टों संबंधित पत्रावलियों की प्रक्रिया भी पूर्ण कर रहे हैं।
निगम ने 140, न्यास ने 1979 पट्टे किए हैं जारी
अभियान के दौरान नगर निगम पट्टे जारी करने में फिसड्डी बना हुआ है। दो अक्टूबर से शुरू हुए अभियान से अब तक निगम महज १४० पट्टे ही जारी कर पाया है। जबकि नगर विकास न्यास इस अवधि में १९७९ पट्टे जारी कर चुका है। हालांकि दोनों ही विभागों में पट्टों से संबंधित सैकड़ों आवेदन लंबित पड़े हैं।